लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। उत्तर प्रदेश प्रयोगशाला प्राविधिक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक बलरामपुर अस्पताल के प्रेक्षागृह में हुई। इस बैठक में कहा गया कि सरकारी अस्पतालों में लैब टेक्नीशियन हर मुश्किलों में काम कर रहे हैं। इन्होने कोरोनाकाल में संक्रमितों का नमूना लेने से लेकर जांच की। ज्यादातर बड़े अस्पतालों में 24 घंटे पैथोलॉजी संचालित की जा रही है ताकि मरीजों का इलाज पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट के इंतजार में न रूके। इसके बावजूद लैब टेक्नीशियन की जायज मांगों को अफसर नजर अंदाज कर रहे हैं, इससे हीनभावना ग्रस्ति हो रही है। वहीं संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश रावत व महामंत्री कमल श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता में बताया कि लैब टेक्नीशियन लगातार मरीज हित में काम कर रहे हैं। इसके बावजूद हमारी जायज मांगों पर अफसर व सरकार विचार नहीं कर रही हैं। हम लोगों की वेतन विसंगति लंबे समय से दूर नहीं हो रही है। कैडेट रिव्यू करने में भी अफसर हिचक रहे हैं। उन्होने कहा कि वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन का पद बढ़ाने जैसी मांग को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। खाली पद तक भरने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है। हालात यह है कि रिजेंट(जांच में इस्तेमाल होने वाला रसायन) खरीद में सीनियर लैब टेक्नीशियन को शामिल नहीं किया गया है। इससे गुणवत्तापरक व जरूरत के हिसाब से रीजेंट की खरीद में अड़चन आ रही है। वहीं प्रवक्ता सुनील कुमार ने कहा कि लैब टेक्नीशियन ओपीडी व भर्ती मरीजों की डॉक्टर की सलाह पर जांच कर रहे हैं। बैठक में सचिव अमित शुक्ला, उपाध्यक्ष राजेश चौधरी, राम नरेश पटेल, रमेश यादव व एके मौर्या समेत अन्य टेक्नीशियन मौजूद रहे।