लखनऊ ।सरकारी विभाग में नौकरी लगना मतलब आप सरकार के दामाद हो गए ऐसी कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती देखनी है तो आप राजधानी के सरकारी अस्पताल क्वीन मेरी में चले जाइए जहां हर हर औरत के मां बनने का सपना हकीकत में बदलता है लेकिन वहां सरकारी दावों और हकीकत के संघर्ष से हम आपको रूबरू कराते हैं।क्वीन मेरी कहने को वो सरकारी अस्पताल है जहां मरीजों को बेहतर सुविधा दिए जाने का दावा किया जाता है यहां जच्चा बच्चा दोनो के लिए उचित व्यवस्था की बात भी छाती ठोक कर कही जाती है लेकिन कहावत ये भी है कि कब्र का हाल मुर्दा ही जानता है ये कहावत भी यही सच साबित होती दिखाई देती है 41 डिग्री के तापमान में अपने परिजनों का इलाज कराने आए लोगों का इस गर्मी में यहां बुरा हाल रहता है यहां मरीजों के लिए कूलर तो दूर पंखे भी उन्हें मुंह चिढ़ाते नजर आते है जबकि डाक्टर और कंपाउंडर अपने ए सी रूम में बैठकर ठंडी हवा खाते हैं जिनको बुलाने के लिए तीमारदार मिन्नते करते नजर आते हैं लेकिन मजाल है कोई एयर कंडीशन की ठंडी हवा छोड़ कर मरीज का हाल पूछने आ जाए इतना ही नहीं इनको ठंडक पहुंचाने वाले एसी से निकलने वाली गर्म हवा से तीमारदारों को कितनी दिक्कत हो रही है इसकी सुध भी लेने वाला कोई नहीं है रही बात अस्पताल के गार्ड की तो वो भी खुद को दबंग पुलिस कर्मी से कम नहीं समझते उन्हे मरीज और उनके तीमारदारों से कोई लेना देना नही रहता वो तो उन्हे फटकार लगाकर शांत करते ही दिखाई देते हैं अब ऐसे में सवाल ये है कि मरीज अपना दर्द कहे तो किस्से क्योंकि साहब एसी छोड़कर नहीं आते और गार्ड किसी को मुंह नही लगाते तो काहे का ऐसा अस्पताल जिसके लिए दावे तो लाख हैं पर सुविधा खाक है।
Home Uttar Pradesh All Uttar Pradesh राजधानी के नामचीन क्वीन मेरी अस्पताल में बीमार परेशान,सरकारी दामाद की मौज…