लखनऊ। भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा शुक्रवार को लोकतंत्र सेनानियो का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रवीन गर्ग ने बताया कि जिन्होंने 1975 में आज ही के दिन राजनीतिक स्वार्थों के लिए कांग्रेस द्वारा घोषित आपातकाल का विरोध किया था। उन्हे लखनऊ प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला व महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा के द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को अंग वस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अशोक वाजपेई ने अपने संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि 25-26 जून की मध्यरात्रि को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। विपक्ष के नेताओं को रातों रात जेल में डाल दिया गया। जिसने भी विरोध का स्वर उठाया, उसे जेल भेज दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी को भी जेल भेजा गया था। समाचार पत्रों की स्वतंत्रता को समाप्त किया और न्यायपालिका को पंगु कर दिया। देश में आम जनता को बंधक बनाने का कार्य कांग्रेस शासनकाल में हुआ, जो घोर निदनीय था। गोविंद नारायण शुक्ला ने कहा कि आपातकाल 1975 जनता के मूल अधिकारों का हनन, भ्रष्टाचार को बढ़ावा, देश इतिहास व आजादी के लिए लड़ने वाले देशभक्तों का अपमान था उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने वाली भविष्य में ऐसी कोई तानाशाह सरकार जन्म न ले इसके लिए जनता को सतर्क रहना होगा। महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि आज ही के दिन देश के इतिहास में 45 वर्ष पहले भारतीय राजनीति में भूचाल सा आ गया था। जब अत्यंत अलोकतांत्रिक निर्णय के तहत आपातकाल घोषित किया गया था। विपक्षी राजनीतिक लोगों को जेल में डालने के साथ ही मीडिया को भी प्रतिबंधित किया गया था। ऐसे समय में स्वयं यातना झेलते हुए जिन लोकतंत्र सेनानियों ने लड़ाई लड़ी थी उनके संघर्ष व योगदान को याद रखते भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के अनुरूप सभी लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले लोकतंत्र सेनानियों में राज्यसभा सदस्य अशोक बाजपाई, पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र तिवारी, प्रदेश भाजपा मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, रमाशंकर त्रिपाठी, वेद प्रकाश, गोविंद अग्रवाल, सुभाष आनंद, रामकिशोर शर्मा, जितेंद्र कुमार, संतोष बाजपेई, सुरेश वजीरानी, राकेश स्वरूप निगम, जय देव पाहुजा, अशोक कुमार शर्मा, सुरेश चतुर्वेदी, सत्य प्रकाश जैन, देवीदीन पाल एवं वेद प्रकाश मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ जनों ने आपातकाल समय की स्मृतियों और अनुभवों को भी साझा किया।