लखनऊ। तंबाकू का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है, जो मौखिक गुहा, फेफड़े, जिगर, पेट, आंत, अंडाशय और कुछ प्रकार के ल्यूकेमिया सहित कई प्रकार के कैंसर का कारण बनता है। चौंकाने वाली बात यह है कि तंबाकू विश्व स्तर पर सभी कैंसर से होने वाली मौतों में से 25 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है, जिससे प्रति वर्ष अनुमानित 2.5 मिलियन मौतें होती हैं। रेजेंसी हेल्थ के वरिष्ठ सलाहकार सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डाॅ जितिन यादव ने जोर देकर कहा कि युवाओं में तंबाकू का उपयोग खतरनाक रूप से उच्च है, जिससे उन्हें सीधे तौर पर कैंसर के बढ़ते जोखिम का सामना करना पड़ता है। यह उन लोगों की संख्या को कम करने के प्रयासों को कमजोर करता है जो कैंसर विकसित करते हैं और इससे मर जाते हैं। हमें अगली पीढ़ी को तंबाकू उत्पादों और भ्रामक ऑनलाइन विज्ञापनों से बचाने और ग्राहक आधार को नवीनीकृत करने के उद्देश्य से उद्योग की आक्रामक रणनीति का मुकाबला करने का कर्तव्य है। तंबाकू उद्योग द्वारा भ्रामक विज्ञापन प्रथाओं ने भी समस्या को बढ़ा दिया है, कमजोर युवाओं को लक्षित किया है और भ्रामक विपणन अभियानों के माध्यम से तंबाकू के उपयोग को ग्लैमरस बनाया है। सोशल मीडिया प्रभावितों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से तंबाकू उत्पादों का निरंतर प्रचार किशोरों में धूम्रपान के व्यवहार को सामान्य बना रहा है, जिससे युवा आबादी के बीच तंबाकू के प्रयोग और लत की दर में वृद्धि हो रही है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विश्व भर के व्यक्तियों से युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट होने का आग्रह किया गया है। इसमें मजबूत नियमों की वकालत करना, तंबाकू नियंत्रण पहलों को बढ़ावा देना और तंबाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना शामिल है। साथ मिलकर, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए तंबाकू के नुकसान से मुक्त भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।