सिद्ध शक्ति पीठ सत्य मंदिर” द्वारा शांति समभाव और एकता दिवस बड़े ही भव्य रूप से मनाया गया।

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लखनऊ ।सत्यतीर्थ आश्रम निर्माण कोष संचालन समिति, हयूमैनिटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ,पशु -पक्षी संरक्षण केंद्र ,वाणी फाउंडेशन ऑफ इंडिया) का पावन जन्मोत्सव “शांति समभाव और एकता दिवस” समाज में घृणा, जाति प्रथा, अंधविश्वास, कुरीतियों को हटाने के लिए एवं वसुधैव कुटुंबकम की भावना को जागृत करने के लिए प्रेरणादायक रूप में वाणी समिति एवं हयूमैनिटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सौजन्य से सिद्ध शक्ति पीठ सत्यतीर्थ आश्रम भवानीपुर अनोरा कला अयोध्या रोड लखनऊ एवं देश के विभिन्न जनपदों में धूमधाम से मनाया जाता है।सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर एवं सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम की संस्थापिका एवं हम सब की आध्यात्मिक गुरु कृष्णचेतनावतार देवी मां” के पुनीत पावन  चरणों में प्रणाम अर्पित करते हुए दिव्य शक्ति योगीराज  अभिनव महाराज  ने कहा की आज के समय में विश्व शांति भंग होती जा रही है, हम सभी परस्पर मिलकर, अपने अहं भाव को छोड़कर, शांतिपूर्वक ढंग से विवादों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। आज के समय में मनुष्यों को आपस में एकता तथा समभाव के गुणो को रखना चाहिए तथा उसके साथ-साथ हमारे कर्मों में भी निस्वार्थता का भाव होना चाहिए। इन्हीं विचारों के माध्यम से हम अपने समाज को बदल सकते हैं तथा एक बेहतर स्थल अपने जीवन यापन के लिए बना सकते हैं।सभी संस्थाओं की अध्यक्षा “आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी” एवं उपाध्यक्ष “दिव्य शक्ति योगीराज  अभिनव महाराज जी” के नेतृत्व में ह्यूमैनिटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया विगत 20 वर्षों से मानवता की सेवा में तत्पर है।दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज  के कुशल नेतृत्व में, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को आधार देने के लिए, महिला सहायता योजना समाज के हर वर्ग के कौशल विकास हेतु एच.एफ.आई समृद्धि स्कीम , बच्चों एवं महिलाओं के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य हेतु एच.एफ.आई स्वाभिमान स्कीम आदि अनेकों योजनाएं दिल्ली आगरा मथुरा फरीदाबाद ग्वालियर बेंगलुरु जयपुर पुणे पटना एवं विदेशों में भी सफलतापूर्वक चल रही हैं जिससे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।समाज के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सबका भी यह परम कर्तव्य है कि हम समाज में पनपने वाली ऐसी बुराइयों को दूर करने का प्रयास करें तभी हमारा यह मानव जीवन सार्थक होगा।कार्यक्रम का समापन  कृष्णचेतनावतार देवी मां द्वारा लिखित दिव्य भजनों एवं आरती प्रसाद से हुआ।

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