महिलाओं बेटियों की सुरक्षा की मांग को लेकर सड़क पर उतरें नागरिक, निकाला पैदल मार्च

■ ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन

■ मुम्बई की तर्ज़ पर मनबढ़ आवारा लड़के गैंग बना रहे हैं और एलआईयू व अन्य इंटेलिजेंस एजेंसियों को खबर तक नहीं रहती है, यह बिल्कुल शर्मनाक है – ममता त्रिपाठी

■ फैजुल्लागंज चौकी की पुलिस शराब व्यापारी को दे रही संरक्षण

■ बहन बेटियों के शोषण को कतई बर्दाश्त नहीं करूंगी – ममता त्रिपाठी

■ कोई भी घटना अचानक नहीं होती, इसलिए बेटियां पहली बार में ही बैड टच को, गंदी छेड़खानी को मुखर होकर नकारे

लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। कोलकाता में महिला डाक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर देश के नागरिकों में क्रोध साफ दिखाई पड़ रहा है। वहीं महिलाओं बेटियों की सुरक्षा मुद्दे को लेकर रविवार को फैजुल्लागंज में सामाजिक कार्यकर्ता ममता त्रिपाठी के नेतृत्व में 500 से अधिक लोगो ने पैदल मार्च निकाला। जिसमें यह पैदल मार्च घैला रोड के महावीर लान से अलीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत शिव लोक चौकी तक निकाला गया, जिसमें इस पैदल मार्च के माध्यम से बहन बेटियों की सुरक्षा के मुद्दे की आवाज को बुलंद किया गया। वहीं इस मौके पर ममता त्रिपाठी ने कोलकाता में महिला डाक्टर से रेप व हत्या के हत्यारों को फांसी दिए जाने की मांग के साथ मौजूद लोगो से कहा कि पुलिस और कानून अपना काम करते हैं परंतु महिलाओं बेटियों की सुरक्षा की वास्तविक जिम्मेदारी समाज की है, इंटरनेट के इस युग में समाज का इस कदर चारित्रिक पतन हो गया है कि हमारे बीच कौन इंसान के रूप में भेड़िया टहल रहा है हम पहचान नहीं पा रहे हैं इसलिए प्रत्येक स्त्री को अब सबला बनना होगा और हर उस ताकत को एक सिरे से नकारना होगा जो हमारी अस्मिता को प्रभावित करने का प्रयास करें।
ममता त्रिपाठी ने कहा कि जब चारों तरफ हमारे समाज में इंसानी भेष में भेड़िए टहल रहे हैं तो बहन बेटियों को भी संगठित हो जाना चाहिए, कोई भी घटना अचानक नहीं होती इसलिए बेटियां पहली बार में ही बैड टच को, गंदी छेड़खानी को मुखर होकर नकारे, पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में घर से बाहर निकलने वाली बेटियां दिनभर की घटनाओं को अपनी मां के साथ जरूर साझा करें बातों को छुपाए रखने से ही मामले गंभीर हो जाते हैं। ममता त्रिपाठी ने कहा कि इस पैदल मार्च के माध्यम से मैं मड़ियांव फैजुल्लागंज क्षेत्र की एक एक बेटी को एक एक बहन को यह भरोसा दिलाना चाहती हूं कि किसी के साथ भी अत्याचार नहीं होने दिया जाएगा, मैं मड़ियांव इलाके की बहन बेटियों के शोषण को कतई बर्दाश्त नहीं करूंगी। पैदल मार्च के पश्चात डीसीपी उत्तरी को भेजे ज्ञापन में ममता त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि किस आधार पर घैला रोड डगरू पुलिया पर आसपास ही तीन शराब ठेके खोलवा कर बिल्कुल शराब मंडी बना दिया गया है। फैजुल्लागंज पुलिस चौकी के ठीक बगल ही शराब मंडी जैसा माहौल रहता है, फैजुल्लागंज चौकी की पुलिस शराब व्यापारी को संरक्षण दे रही है, पुलिस चौकी के आसपास शाम से देर रात तक शराबियों का जमावड़ा रहता है खुलेआम सड़क पर शराब पी जाती है चूंकि पुलिस ही शराब व्यापारी को संरक्षण देती है इसलिए मूकदर्शक बनी रहती है। हाल ही में मिल्लत नगर ढाल पर युवक की हत्या हो गई, मुम्बई की तर्ज़ पर मनबढ़ आवारा लड़के गैंग बना रहे हैं और एलआईयू व अन्य इंटेलिजेंस एजेंसियों को खबर तक नहीं रहती है यह बिल्कुल शर्मनाक है। ज्ञापन में छुट्टी के समय इंटर कालेजों के बाहर पुलिस टीम लगाकर आवारा तत्वों पर नकेल कसे जाने की मांग की गई है। वहीं ज्ञापन में फैजुल्लागंज इलाके में अवैध तरीके से बसाई झुग्गी बस्तियों के भूखंडों की जांच कराकर भूखंड मालिकों पर व्यावसायिक संपत्ति कर अधिरोपित किए जाने व तथाकथित बांग्लादेशी एवं गैर हिंदी भाषी लोगों का पुलिस वेरीफिकेशन किए जाने की मांग की गई है। ममता त्रिपाठी ने सैकड़ो की संख्या में झुग्गियों में बसाए गए तथा कथित बांग्लादेशी गैर हिंदी भाषी लोगों को इलाके की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया है।
पैदल मार्च के दौरान वरिष्ठ पदाधिकारी राकेश पाण्डेय, संगठन की उपाध्यक्ष आशा मौर्या, महासचिव पुष्पेंद्र शुक्ल, अंजनी शर्मा, दुर्गा वाहिनी की अध्यक्ष गुड़िया सिंह, अल्प संख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद नासिर, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष राम बिलास शर्मा, प्रदीप अवस्थी, डॉ विशाल सिंह, अमित शुक्ल, राजेश पांडेय, प्रियंका बाजपेई, अभिषेक मिश्र, एस के श्रीवास्तव, मुरली प्रसाद वर्मा, शिवेंद्र मिश्र, आर एस यादव, सूरज कश्यप, संतोष कुमार गुप्ता, अमित तिवारी, जगतपाल सिंह व रमेश सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।

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