लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में 14 से 21 सितम्बर के दौरान मनाये गये हिंदी सप्ताह का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह 03 अक्टूबर को मनाया गया। समापन समारोह में संस्थान के निदेशक डॉ. उत्तम कुमार सरकार व मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. (ब्रिगेडियर) पी जायसवाल, प्रमुख, एएमसी, लखनऊ मौजूद रहे। निदेशक डॉ. सरकार ने राजभाषा महत्ता के बारे में बताते हुए, कार्यालय में हिन्दी के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग की आवश्यकता बताई तथा हिंदी सप्ताह के दौरान संस्थान द्वारा आयोजित अनेकानेक हिंदी कार्यक्रमों के अतिरिक्त 25 सितम्बर को ‘मत्स्य संरक्षण विज्ञानं में नई दिशाएं’ विषय पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक हिंदी संगोष्ठी-सह-कार्यशाला के आयोजन को उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। जिसमें देश के 26 अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों से 170 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा हाइब्रिड मोड में भाग लिया गया और 122 शोध सारांश प्रस्तुत किए गए।
मुख्य अतिथि ने बताया कि राजभाषा हिंदी सबसे सरल भाषा है और हिंदी सप्ताह मनाये जाने की सार्थकता तभी होगी जब देश में वैज्ञानिक शोध प्रबंधों को हिंदी में लिखने को वरीयता दी जाएगी क्योंकि शोध परिणामों को जनभाषा में प्रकाशित करने से ही उसका अधिकतम उपयोग हो सकता है उनका कहना था कि हिंदी भाषा हमारी अपनी भाषा है इसके प्रयोग को इस हद तक बढ़ाना अपेक्षित है कि जिससे कालान्तर में हमें हिंदी सप्ताह, पखवाड़ा अथवा चेतना मास मानाने की जरूरत ही न रहे। कार्यक्रम में डॉ. अखिलेश मिश्र द्वारा काव्य पाठ भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान में हिंदी माह के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले कर्मियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा प्रभारी सुभाष चन्द्र द्वारा किया गया। संस्थान के प्रायद्वीपीय जलीय आनुवंशिकी संसाधन केंद्र, कोच्चि में भी हिंदी सप्ताह बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।