अवैध प्लाटिंग व ग्रामीण जमीने होंगी कब्जा मुक्त
👉जिला अधिकारी ने गठित की जिले की राजस्व टीम
👉भूमाफियाओं के हौसले होंगे पस्त, लगातार शिकायत व ख़बरों का लिया गया संज्ञान
सीतापुर लगातार खबरों व सोशल मीडिया पर अवैध प्लाटिंग व ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा की खबरे प्रकाशित हो रही थी। आज सीतापुर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि माननीय प्रभारी मंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में माननीयों द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में भी नगर निकाय व विनियमित क्षेत्र के बाहर स्थित सम्पूर्ण जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण/प्लाटिंग पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गयी है।
उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 (यथा संशोधित) की धारा 239 (1) एवं धारा 239 (2) के साथ पठित अधिनियम की धारा 143 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करके जिला पंचायत सीतापुर के ग्राम्य क्षेत्र जो कि उक्त अधिनियम की धारा 2 (10) में परिभाषित है, में से स्थापित किसी प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 की धारा 2(डी) में घोषित औद्योगिक विकास क्षेत्र एवं विनियमित क्षेत्र को हटाते हुये शेष ग्राम्य क्षेत्र (जिले में स्थित प्रत्येक नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत, छावनी तथा नगर निगम क्षेत्र के अतिरिक्त उस क्षेत्र को तथा विनियमित क्षेत्र को हटाते हुये जो कि किसी विकास प्राधिकरण या यू०पी०एस०आई०डी०सी० के द्वारा अधिनियमित किया गया हो एवं जिसके अधिग्रहण की सूचना का पूर्ण विवरण सहित यथा मार्ग का नाम, गाटा/खसरा संख्या, अधिग्रहीत क्षेत्रफल आदि गजट में प्रकाशित की जा चुकी हो) के अन्तर्गत बनने वाले सभी प्रकार के भवनों के नक्शों एवं निर्माण को नियंत्रित एवं विनियमित करने के उद्देश्य से जिला पंचायत सीतापुर दिनांक 27 दिसम्बर 2014 से उपविधि प्रभावी है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले अवैध निर्माण जिनमें-
1- प्रस्तावित भवन उपयोग अनुमन्य भू उपयोग से भिन्न हो। अर्थात राजस्व विभाग द्वारा भूमि अकृषिक घोषित हो।
2- ऐसे निर्माण कार्य (वाणिज्यिक, शैक्षणिक, आवासीय एवं प्लाटिंग) जिनके मानचित्र जिला पंचायत सीतापुर की गजट उपविधि दिनांक 27 दिसम्बर 2014 के अन्तर्गत स्वीकृत न कराये गये हों व जिला पंचायत सीतापुर में ग्रामीण क्षेत्रों के निर्माण कार्यों को विनियमित किये जाने की प्रभावी गजट उपविधि के अनुसार सम्बन्धित उल्लंघनकर्ता के विरूद्व सी०आर०पी०सी० की धारा 133 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सम्बन्धित उप जिलाधिकारी को सन्दर्भित करेंगे।
3- जिला पंचायत सीतापुर में प्रचलित उपविधि दिनांक 27 दिसम्बर 2014 में विहित व्यवस्था के अनुसार नक्शा न स्वीकृत करने की परिस्थितियाँ-ऐसे प्रकरण/निर्माण कार्य जिनमें उपविधियों के अन्तर्गत नक्शा स्वीकार कराना आवश्यक नहीं होगा।
1- उक्त परिभाषित ग्राम्य क्षेत्र में निम्नलिखित परिस्थितियों में भवन निर्माण, परिवर्तन, विस्तार की स्वीकृति हेतु प्रार्थना पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
ये उपविधियाँ कच्चे मकानों एवं गॉव के मूल निवासी के शुद्वतया निजी आवास/कृषि कार्य हेतु बनाये जाने वाले 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल एवं दो मंजिल तक ऊँचे आवासीय भवनों पर लागू नहीं होंगी। परन्तु सुरक्षित डिजाइन व निर्माण की जिम्मेदारी मालिक की होगी एवं उक्त निर्माण/कार्यवाही करने से पूर्व जिला पंचायत को निर्माण कार्य की निम्न सूचना देनी होगी।
सफेदी व रंग रोगन के लिये। प्लास्टर व फर्श मरम्मत के लिये। पूर्व स्थान पर छत पुनर्निर्माण के लिये। प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त भवन के हिस्से का पुनर्निर्माण व मिट्टी खोदने या मिट्टी से गड्ढा भरना।
अतः जनपद सीतापुर के नगर निकाय एवं विनियमित क्षेत्र की सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही अवैध प्लाटिंग एवं अवैध निर्माण के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही किये जाने हेतु अवैध निर्माण/अवैध प्लाटिंग आदि प्रकरणों की स्थलीय जॉच के लिये निम्नवत् टीम का गठन किया जाता है।
1- सम्बन्धित तहसील के तहसीलदार अध्यक्ष
2- सम्बन्धित क्षेत्र के नायब तहसीलदार सदस्य
3- सम्बन्धित क्षेत्र के अवर अभियन्ता जिला पंचायत सदस्य
4- सम्बन्धित थानाध्यक्ष सदस्य
5- सम्बन्धित राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) सदस्य
6- सम्बन्धित लेखपाल सदस्य
उपरोक्त टीम ग्रामीण क्षेत्रों में प्लाटिंग एवं निर्माण कार्य की जॉच करके नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगी, तथा स्थलीय सर्वे में पाये गये अवैध निर्माण/ प्लाटिंग की राजस्व अभिलेखों के अनुसार भू भवन स्वामी तथा गाटा संख्या के विवरण सहित सूचना टीम के सदस्य/अवर अभियन्ता जिला पंचायत को प्राप्त करायेगी, तदोपरान्त सम्बन्धित उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध पूर्व में प्रचलित (सी०आर०पी०सी० की धारा 133) वर्तमान नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सम्बन्धित उप जिलाधिकारी को सन्दर्भित करेंगे। उक्त के अतिरिक्त सम्बन्धित तहसीलों के उपजिलाधिकारी अवैध निर्माण/अवैध प्लाटिंग आदि के विरूद्व सम्बन्धित टीम द्वारा की जा रही कार्यवाही की तहसील स्तर पर पाक्षिक समीक्षा करेंगे तथा कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को भी अवगत करायेंगे।
टीम द्वारा निम्न कार्य किये जायेंगे।
(1) जॉच टीम द्वारा सम्बन्धित राजस्व ग्राम का स्थलीय सर्वेक्षण किया जायेगा। सर्वेक्षण में प्लाटिंग अथवा निर्माण पाये जाने पर-
(अ) राजस्व टीम के सदस्यों द्वारा राजस्व अभिलेखों से यह मिलान किया जायेगा कि सम्बन्धित भूमि राजस्व विभाग द्वारा अकृषिक घोषित की गयी है अथवा नहीं।
(ब) जिला पंचायत के अवर अभियन्ता द्वारा जिला पंचायत के अभिलेखों से मिलान कर जांच टीम को यह अवगत कराया जायेगा कि उक्त निर्माण/प्लाटिंग का मानचित्र विधि अनुसार स्वीकृत किया गया है, अथवा नहीं।
उपरोक्त बिन्दु (अ) व (ब) में से किसी एक अथवा दोनों का उल्लंघन पाये जाने पर टीम द्वारा राजस्व अभिलेखों में दर्ज भू-स्वामी के नाम, रकबा व विस्तृत पते सहित सूचना अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सीतापुर को प्रेषित की जायेगी।
राजस्व विभाग/अवर अभियन्ता जिला पंचायत सीतापुर की उपरोक्तानुसार लिखित सूचना प्राप्त होने पर जनपद सीतापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण का विनियमित एवं नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू उपविधि दिनांक 27 दिसम्बर 2014 की सुसंगत धाराओं के आलोक में उपविधि के खण्ड “त” के प्रस्तर 09 के अनुसार धारा 133 के अन्तर्गत कार्यवाही की संस्तुति सहित जांच आख्या सम्बन्धित तहसील के उपजिलाधिकारी को प्रेषित की जायेगी। सम्बन्धित उपजिलाधिकारी द्वारा विधि अनुरूप सुनवाई उपरान्त धारा 133 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत अन्तिम आदेश पारित किया जायेगा। सम्बन्धित उपजिलाधिकारी द्वारा धारा 133 के अन्तर्गत पारित आदेश का नियत तिथि के अन्दर पालन न किये जाने पर सी०आर०पी०सी० 141 के अधीन आदेश जारी किया जायेगा। धारा 141 के अन्तर्गत निर्गत नोटिस का पालन न किये जाने पर राजस्व विभाग द्वारा जे0सी0बी0 अथवा अन्य साधन से अवैध प्लाटिंग/अवैध निर्माण हटवाया जायेगा। जिसमें जे0सी0बी0 अथवा अन्य साधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला पंचायत की होगी।