सुल्तानपुर रोड पर निर्माणाधीन भवनों सहित ध्वस्त की गयी अवैध प्लाटिंग
दुबग्गा के बिगारिया में पांच मंजिला व्यावसायिक कॉम्पलेक्स हुई सील
By- Wahab uddin siddiqui
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की कमान संभालने के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्यवाहियां करते हुए अवैध निर्माण व अवैध रूप से प्लाटिंग करने वालों के दिल में अपनी दहशत पैदा कर दी है। बुधवार को भी प्राधिकरण उपाध्यक्ष के निर्देश पर प्रवर्तन जोन-2 व जोन-7 की टीम ने कार्यवाही करते हुए गोसाईगंज में सुल्तानपुर रोड पर एक अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया इस दौरान यहां निर्माणाधीन भवनों को भी जमींदोज कर दिया गया। वहीं दुबग्गा क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत कराये बिना बनाई जा रही एक बहुमंजिला व्यावसायिक कॉम्पलेक्स को भी सील किया गया। प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी के अनुसार आशीष अवस्थी व अन्य द्वारा गोसाईगंज में सुल्तानपुर रोड पर ग्राम-पहाड़नगर टिकरिया से पहले फुलवारी रोड रेलवे फाटक के किनारे लगभग 5 बीघा क्षेत्रफल में अवैध रूप से प्लाटिंग करते हुए अनियोजित कालोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत कराये बिना की जा रही इस अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किये गये थे। जिसके चलते बुधवार को अवर अभियंता ऋतुपाल, एस.के. सिंह व विपिन बिहारी राय द्वारा पुलिस बल के सहयोग से अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करायी गयी। इस दौरान यहाँ पर बनाई गयी सड़क, नाली, इंट्री गेट, साइट ऑफिस, बाउन्ड्रीवॉल व भूखण्डों के डिमार्केशन के लिए ईंट से किये गये चिनाई आदि के कार्य को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। यहाँ कुछ लोगों द्वारा स्थल पर भवन का भी निर्माण कराया जा रहा था। कार्यवाही के अंतर्गत इन निर्माणों को भी जमींदोज कर दिया गया।
दुबग्गा में बेगरिया रोड पर अवैध बिल्डिंग हुई सील
वहीं प्रवर्तन जोन-7 के जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक ने बताया कि मोहम्मद इब्राहिम व अन्य द्वारा दुबग्गा में बेगरिया रोड पर नेशनल प्लाई एजेंसी के पास लगभग 300 वर्गमीटर के प्लॉट पर लोअर ग्राउंड फ्लोर, अपर ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल, द्वितीय तल व तृतीय तल पर दुकानें, शोरूम, कार्यालय व भवन आदि का निर्माण करवाया जा रहा था। जिसका मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं कराया गया था इस निर्माण के खिलाफ़ विहित न्यायालय द्वारा सीलिंग के आदेश जारी किये गये थे। जिसके चलते सहायक अभियंता शिव शंकर श्रीवास्तव व अवर अभियंता राम सागर वर्मा द्वारा प्राधिकरण पुलिस व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया।