सीतापुर मनरेगा घोटाले में एपीओ व टीए की सेवा समाप्त

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मनरेगा घोटाले में एपीओ व टीए की सेवा समाप्त

महमूदाबाद (सीतापुर)। क्षेत्र की चार ग्राम पंचायतों के सात मनरेगा कार्यों की धनराशि गबन करने के मामले में डीएम अभिषेक आनंद ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने ब्लाॅक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) विनोद कुमार गौतम व तकनीकी सहायक वीरेंद्र कुमार वर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। चार रोजगार सेवकों की सेवा समाप्त संबंधी कार्रवाई 15 दिन में कराने के निर्देश बीडीओ को दिए हैं।
मनरेगा में हुए 74 लाख रुपए के बिना काम कराए भुगतान के मामले में जांच के दौरान दोषी पाए गए एपीओ व तकनीकी सहायक व चार रोजगार सेवकों को जिलाधिकारी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। वरिष्ठ लेखाकार राम प्रताप वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। तकनीकी सहायक से 24,51,161 रुपए की रिकवरी की जाएगी। ग्राम पंचायत बेहटी, मदारीपुर, सिंहारूखेरा, पचदेवरा चौबे में 16 मार्च 2024 को यह पैसा निकाला गया। सिहारुखेड़ा में गौशाला में सीसी रोड, जानवर बाड़ा, मिट्टी कटान रोंकने के लिए पैचिंग कार्य, प्राथमिक विद्यालय सिहारुखेड़ा में एमडीएम सेड निर्माण कार्य पूर्ण दिखाकर 3516186 रुपए, बेहटी में रमेश के खेत से मुन्ना के खेत तक इंटरलाकिंग निर्माण कार्य दिखाकर व मुन्ना के खेत से बद्री के खेत तक इंटरलाकिंग कार्य दिखाकर कुल 1541775 रुपए, पचदेवरा चौबे में पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंटर कालेज में इंटरलाकिंग निर्माण कार्य दिखाकर 1610769 रुपए, मदारीपुर में मेन रोड से विजयपाल के घर तक व मेन रोड से मुकुट बिहारी के घर तक इंटरलाकिंग निर्माण कार्य दिखाकर कुल 740732 रुपये मनरेगा से इंटरलाकिंग का कार्य दिखाकर निकाले गए। कुल 74 लाख 9462 रुपये निकाले गए। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर पर की थी। तत्कालीन डीएम अनुज सिंह ने इसकी जांच डीसी मनरेगा जितेंद्र कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक ग्रामीण राम आसरे सिंह, उप कृषि निदेशक डा. एसके सिंह से कराई थी। शिकायतकर्ताओं की शिकायत सही पाई गई। मनरेगा से यह धनराशि निकाली गई, काम कराया नहीं गया। स्थलीय जांच में जांच टीम के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। प्रकरण की दूसरी बार जांच कराई गई। शिकायत सही पाए पाए जाने पर जिलाधिकारी के आदेश पर 14 जुलाई की रात बीडीओ ने कोतवाली महमूदाबाद में चारों ग्राम पंचायतों के प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक और ग्राम रोजगार सेवकों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। विभागीय जांच के दौरान एपीओ विनय गौतम द्वारा मनरेगा कार्यों में भुगतान में भारी अनियमितता बरतने की बात सामने आई थी। जांच रिपोर्ट उच्चधिकारियों को जांच अधिकारियों व तत्कालीन बीडीओ द्वारा भेज दी गई थी। जिलाधिकारी द्वारा सोमवार को तकनीकी सहायक वीरेंद्र कुमार वर्मा, एपीओ विनय गौतम व पचदेवरा चौबे के रोजगार सेवक राज किशोर, सिहारुखेड़ा के रोजगार सेवक राजीव सिंह, मदारीपुर के रोजगार सेवक सुरेश चंद्र वर्मा, बेहटी के रोजगार सेवक रमेश चंद्र की सेवा बर्खास्त कर दी है। वरिष्ठ लेखाकार राम प्रताप वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। तत्कालीन बीडीओ श्रीश गुप्ता की तहरीर पर कोतवाली महमूदाबाद में ब्लाॅक महमूदाबाद की ग्राम पंचायत सिहारूखेड़ा प्रधान पूनम देवी, सचिव प्रदीप चौधरी, रोजगार सेवक राजीव सिंह, बेहटी ग्राम पंचायत प्रधान सोबरन लाल, सचिव मनोज यादव, रोजगार सेवक रमेश चंद्र, पचदेवरा चौबे गांव में प्रधान सर्वेश वर्मा और सचिव प्रदीप चौधरी, रोजगार सेवक राज किशोर, मदारीपुर ग्राम पंचायत प्रधान कामिनी देवी सचिव बेबी यादव, रोजगार सेवक सुरेश चंद्र वर्मा और इन ग्राम पंचायतों के तकनीकी सहायक वीरेंद्र कुमार वर्मा के विरुद्ध सरकारी धन को गबन करने का मुकदमा दर्ज किया गया था।

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