जिम्मेदारों की टाल- मटोल बनी जी का जंजाल।
फोटो खिंचाई से हो रही खानापूर्ति।
सीतापुर(उत्तर प्रदेश):
ब्लॉक सकरन क्षेत्र में इन दिनों सफाईकर्मियों की मनमानी से ग्रामीण क्षेत्रों में चहुंओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नालियां बजबजाती नजर आ रही हैं। जगह- जगह कूडे़ का ढेर लगा हुआ है। ऐसे में क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। विडंबना तो यह है कि शिकायत के बावजूद समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जहां एक तरफ सरकार की ओर से सफाईकर्मियों की नियुक्ति करके गांव व कस्बों तथा सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहां यदि ग्रामीण क्षेत्र के परिपेक्ष में बात करें तो सड़कें कूड़े का ढ़ेर बनी हुई हैं, नालियों ने सड़कों को प्रवाह मार्ग बना लिया है तथा सफाई व्यवस्था पूरी तरह से धराशाही हो चुकी है। ग्रामीणों द्वारा जब सफाईकर्मियों के लापरवाह रवैये के खिलाफ शिकायत की जाती है तो विभागाीय अधिकारी हर बार वही रटा रटाया हुआ जवाब कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी, थमा दे रहे हैं। इन दिनों ब्लाक सकरन की ग्राम पंचायत सुमरावां व उसके अंतर्गत आने वाले मजरे ( चांदुलपुरवा, ब्रम्हचारी पुरवा , कुम्हारन पुरवा, घासी पुरवा ) समेत कई अन्य स्थलों को गंदगी व अव्यवस्था ने अपनी चपेट में ले रखा है। यहां गांव के चौराहों पर नालियों का पानी जमा होकर सड़कों पर बह रहा है,जिसमे मच्छरों की संख्या बढ़कर मच्छर जनित रोगों को बढ़ावा दे रही है, बावजूद इसके जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही है। ग्राम पंचायत सुमरावां के ग्रामीणों का आरोप है कि यहां तैनात सफाई कर्मचारी मुकेश कुमार महीनों बाद गांव में आते तो हैं परन्तु महज फोटो खिंचवाने मात्र के लिए। ग्राम पंचायत में फैली इस अव्यवस्था व सफाई कर्मचारी मुकेश कुमार के मनमाने रवैए को लेकर ग्राम पंचायत सुमरावाँ निवासी एक ग्रामीण के द्वारा गत दिनांक 28 अक्टूबर को आई जी आर एस पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी (शिकायत संख्या-40015424074362) जिसमें ग्राम पंचायत अधिकारी अजय कुमार गौतम ने हवा- हवाई जांच कर मनगढ़ंत आख्या रिपोर्ट लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में सफाई व्यवस्था करवा दी गई है तथा इसके साथ ही उन्हें अन्य कोई अव्यवस्था नजर नहीं आई है। वहीं मामले को लेकर जब शिकायतकर्ता से बात की गई तो उसने बताया कि शिकायत के संबंध में जांच कब की गई, उसे नहीं पता। शिकायत करता ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत अधिकारी की तरफ से किया जा रहा सफाई का दावा पूरी तरह बे-बुनियाद है।