कैनविज टाइम्स,अन्तर्राष्ट्रीय डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह अपनी व्यापारिक नीतियों में अहम बदलाव किए, जिनसे न केवल वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा, बल्कि खासकर चीन और भारत जैसे प्रमुख देशों के साथ उनके रिश्ते भी प्रभावित हुए। ट्रंप ने 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ को स्थगित कर दिया, लेकिन चीन के खिलाफ अपनी सख्त व्यापार नीति को जारी रखा और टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी। इस दौरान भारत को कुछ राहत मिली है, लेकिन क्या यह भारत के लिए पूरी तरह सकारात्मक कदम है?
ट्रंप का बैकफुट पर आना: पिछले 7 दिनों में ट्रंप प्रशासन ने 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ को स्थगित कर दिया, जिनमें यूरोपीय संघ और जापान जैसे प्रमुख व्यापारिक साझीदार भी शामिल थे। यह कदम वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाले अमेरिका के रवैये में नरमी का संकेत था। ट्रंप का यह फैसला ऐसे समय में आया जब वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है और व्यापार युद्ध के असर से उबरने की कोशिशें तेज हो रही हैं।
चीन के खिलाफ बढ़ी सख्ती: हालांकि, ट्रंप ने चीन के खिलाफ अपनी सख्ती बढ़ाई है। चीन पर लगाए गए टैरिफ को बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। ट्रंप का यह कदम चीन के व्यापारिक आक्रमणों और बौद्धिक संपत्ति चोरी के आरोपों के संदर्भ में था।
भारत को राहत: भारत को इस बदलाव के बीच कुछ राहत मिली है। ट्रंप ने भारत को विशेष व्यापारिक छूट प्रदान की है, जिससे भारत को अमेरिकी बाजार में कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कमी का लाभ मिलेगा। हालांकि, यह राहत स्थायी नहीं हो सकती, क्योंकि ट्रंप प्रशासन का फोकस चीन के खिलाफ अपनी रणनीति को मजबूत करने पर है।
अर्थव्यवस्था और व्यापार: ट्रंप की व्यापार नीति में बदलाव से वैश्विक स्तर पर व्यापार और अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण में नया मोड़ आ सकता है। विशेष रूप से, भारत के लिए यह राहत एक अवसर हो सकता है, लेकिन लंबे समय में चीन के खिलाफ ट्रंप की नीति और यूरोपीय संघ तथा जापान जैसे देशों से व्यापार संबंधों में सुधार की दिशा में क्या बदलाव होंगे, यह देखने वाली बात होगी।