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कैसे सुधरेंगे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते? मोहम्मद यूनुस को करना होगा ये महत्वपूर्ण काम; विदेश मामलों के विशेषज्ञ ने बताया

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  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: April 18, 2025

कैनविज टाइम्स, अन्तर्राष्ट्रीय डेस्क ,ढाका। 
भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत रिश्ते हाल के वर्षों में कुछ चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। सीमा विवाद, जल बंटवारा (विशेष रूप से तीस्ता नदी) और अवैध प्रव्रजन जैसे मुद्दों ने दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा की है। ऐसे में विदेश मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस इन संबंधों को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, यूनुस बांग्लादेश में एक प्रतिष्ठित और सम्मानित चेहरा हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा प्रभाव है। उनकी छवि एक शांतिदूत और विकास के पक्षधर के रूप में जानी जाती है। ऐसे में वे दोनों देशों के बीच न सिर्फ संवाद को बढ़ावा दे सकते हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सहयोग के नए रास्ते भी खोल सकते हैं।

यूनुस के सामने ये प्रमुख जिम्मेदारियाँ होंगी:
    •    विश्वास बहाली का प्रयास: राजनीतिक स्तर पर जमी बर्फ को पिघलाने और आपसी संवाद को बढ़ावा देने में यूनुस एक ‘सॉफ्ट डिप्लोमैट’ की भूमिका निभा सकते हैं।
    •    सांस्कृतिक और सामाजिक संपर्क: शिक्षा, संस्कृति और युवा एक्सचेंज कार्यक्रमों को सहयोग देना, ताकि दोनों देशों की नई पीढ़ी में आपसी समझ बढ़े।
    •    आर्थिक भागीदारी को मजबूती: माइक्रोफाइनेंस और ग्रामीण विकास में उनके अनुभव का लाभ उठाकर सीमावर्ती इलाकों में साझा विकास के मॉडल खड़े किए जा सकते हैं।
    •    संवेदनशील मुद्दों पर मध्यस्थता: जल विवाद, सीमा सुरक्षा और व्यापारिक तनाव जैसे मुद्दों पर एक स्वतंत्र और भरोसेमंद आवाज के रूप में यूनुस सरकारों के बीच सेतु का काम कर सकते हैं।

विदेश मामलों के जानकार मानते हैं कि भारत और बांग्लादेश के बीच स्थिर और मजबूत संबंध पूरे दक्षिण एशिया की शांति और समृद्धि के लिए जरूरी हैं। ऐसे में अगर मोहम्मद यूनुस जैसी शख्सियत इन प्रयासों का नेतृत्व करें, तो यह दोनों देशों के हित में एक बड़ा और सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।

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