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महाकुंभ 2025 में हुई घटना ने पुरानी यादें ताजा की, 2013 और 1954 में भी हुई थी ऐसी भगदड़

महाकुंभ
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 29, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।महाकुंभ मेला 2025 में हुई भगदड़ की घटना ने न केवल पूरे देश को शोक में डुबो दिया, बल्कि पुरानी भगदड़ की घटनाओं की याद भी ताजा कर दी, जो पहले भी महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में घटित हो चुकी हैं। इससे पहले 2013 और 1954 में भी महाकुंभ के दौरान ऐसी घटनाएं हुई थीं, जिसमें भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, और कई श्रद्धालुओं की जान गई थी।

2013 में हुई भगदड़:

महाकुंभ 2013 में एक भीषण भगदड़ की घटना हुई थी जब लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए संगम घाट पर जमा हुए थे। उस समय की स्थिति पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई थी, जिससे 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

यह भगदड़ उस वक्त हुई थी जब कुछ श्रद्धालुओं ने अचानक रुकने की कोशिश की और भीड़ का दबाव बढ़ गया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि कई लोग घायल हुए और कई लोगों की कुचलने से मौत हो गई। प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कठिन प्रयास किए गए थे, लेकिन घटना ने एक काले धब्बे के रूप में इतिहास में अपनी जगह बना ली थी।

1954 में भी हुई थी भगदड़:

महाकुंभ 1954 में भी एक भगदड़ ने कई लोगों की जान ले ली थी। उस समय महाकुंभ के आयोजन में भारी भीड़ थी, और इस घटना में अनुमानित रूप से 300 से ज्यादा श्रद्धालु मारे गए थे। यह घटना तब हुई थी जब भीड़ नियंत्रण के उपायों की कमी और घाटों पर अत्यधिक भीड़ ने स्थिति को असहनीय बना दिया था। श्रद्धालुओं को स्नान के लिए मार्गदर्शन देने में प्रशासन की भारी असफलता के कारण भगदड़ मच गई थी, जिससे यह दुखद घटना घटी।

मौजूदा भगदड़ के कारण:

महाकुंभ 2025 में हुई हालिया भगदड़ की घटना ने इन पुराने हादसों की याद ताजा कर दी है। घटना के बाद, विशेषज्ञों का कहना है कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में भारी भीड़ और अपर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के कारण कभी भी ऐसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। हालांकि, प्रशासन द्वारा हाल के वर्षों में सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पूरी सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

अफवाहों का प्रभाव:

साथ ही, महाकुंभ जैसी भीड़-भाड़ वाले आयोजन में अफवाहों का असर भी बहुत होता है। अक्सर ऐसी घटनाओं के बाद अफवाहें फैल जाती हैं, जो और ज्यादा अराजकता का कारण बनती हैं। इस बार भी भगदड़ के बाद अफवाहें फैलने लगी थीं कि अधिक संख्या में लोग मारे गए हैं, जो कि स्थिति को और जटिल बना सकती थीं।

सरकार और प्रशासन का कदम:

हालांकि, इस बार प्रशासन ने जल्दी से स्थिति को नियंत्रण में किया और राहत कार्य तेज़ी से शुरू किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए और श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही, उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की भी सलाह दी।

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