कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। चैत्र नवरात्र 2025: सातवें दिन की पूजा विधि, मां का प्रिय भोग और मंत्र
चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि के पूजन के लिए समर्पित होता है। इस दिन देवी के काले रूप की पूजा होती है, जो समस्त अंधकार और बुराई को नष्ट करने वाली मानी जाती हैं। इस दिन विशेष रूप से विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
पूजा विधि:
1. स्नान और शुद्धता: नवरात्रि के सातवें दिन सुबह उठकर स्नान करें और फिर स्वच्छ कपड़े पहनें। शरीर और मन दोनों को शुद्ध करके ही पूजा शुरू करें।
2. मां कालरात्रि की पूजा:
• सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक लगाकर पूजा शुरू करें।
• फिर, हल्दी, कुमकुम, अक्षत (चिउड़े), फूल, और दीपक अर्पित करें।
• देवी के प्रतिमा के सामने एक कटोरी में पाणी रखें और उसमे एक चुटकी चावल डालकर उसे मां के चरणों में अर्पित करें।
3. मंत्र का जाप:
• इस दिन मां कालरात्रि के पूजन में विशेष रूप से इस मंत्र का जाप करें:
“ॐ ह्लीं कालरात्रि महाक्रूरी महाशक्ति महाकाल महाक्रूरी महाभय हरं हरं स्वाहा”
• इस मंत्र के उच्चारण से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
4. भोग अर्पित करें:
• इस दिन विशेष रूप से खीर, स्नैक्स, फल, पानी, चने और खट्टे-मीठे पकवान अर्पित किए जाते हैं।
• मां कालरात्रि को मीठा और ताजे फल प्रिय होते हैं, इसलिए आप इनका अर्पण करें।
5. अर्चना और आरती:
• पूजा के बाद देवी कालरात्रि की आरती करें।
• “जय माता दी” का जयकारा लगाते हुए पूजा का समापन करें।
विशेष महत्व:
मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत भयावह माना जाता है, लेकिन वे अपने भक्तों को हर प्रकार के डर और संकट से मुक्त करती हैं। यह दिन बुराई के खिलाफ अच्छाई की विजय का प्रतीक होता है।
नवरात्रि के इस विशेष दिन में पूजा विधि और मंत्र का पालन करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।