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Manmohan Singh News: सिख समाज का अपमान, मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद, सरकार पर विपक्ष का हमला

कांग्रेस
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 28, 2024

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस विवाद का मुख्य कारण सिख रीति-रिवाजों का पालन करने में कथित लापरवाही है, जिससे सिख समाज में आक्रोश फैल गया है। विपक्षी दलों ने इसे सिख समाज का अपमान करार दिया है और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए कुछ नेताओं और उनके परिवार ने यह आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन ने सिख रीति-रिवाजों का उचित सम्मान नहीं किया और न ही इस दौरान धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया। विपक्षी दलों ने इसे सिख समुदाय के प्रति असंवेदनशीलता और अवमानना का प्रतीक बताया है।

विवाद की शुरुआत

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान सिख धर्म से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण रिवाजों का पालन नहीं किया गया। मनमोहन सिंह के परिवार और सिख समुदाय के कुछ नेताओं का कहना है कि अंतिम संस्कार के दौरान पूरी तरह से धार्मिक परंपराओं का पालन नहीं किया गया और कुछ मुख्य अनुष्ठानों को नजरअंदाज किया गया। विशेष रूप से, सिख धर्म के अनुसार मृतक के अंतिम संस्कार में कुछ विशेष अनुष्ठान और मंत्रों का उच्चारण जरूरी होता है, जो इस बार पूरी तरह से नहीं किए गए थे। इसके बाद से सिख समुदाय में गुस्सा फैल गया और इसे एक गंभीर धार्मिक अपमान के रूप में देखा गया। विपक्षी पार्टियों, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह, जो खुद एक सिख थे, के अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन और सरकार ने पर्याप्त संवेदनशीलता नहीं दिखाई। कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि यह एक गंभीर धार्मिक असंवेदनशीलता है, जिसका सिख समाज पर गहरा असर पड़ा है। AAP के नेताओं ने भी कहा कि यह सिख समाज का अपमान है और केंद्र सरकार ने जानबूझकर इस मुद्दे को नजरअंदाज किया। AAP नेता ने यह भी कहा कि सरकार ने जानबूझकर सिख समुदाय के प्रति अपनी अवहेलना जताई, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

सरकार का रुख

हालांकि, केंद्र सरकार ने इस विवाद पर चुप्पी साधी हुई है। सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन कुछ भाजपा नेताओं ने इस मामले को तूल देने का विरोध किया और इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बताया। उनका कहना था कि सरकार ने मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनकी सम्मानजनक विदाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए थे और अंतिम संस्कार में कोई अनियमितता नहीं हुई थी।

सिख समाज की प्रतिक्रिया

इस विवाद को लेकर सिख समुदाय में भी असंतोष है। कई धार्मिक नेताओं और संगठनों ने इसे सिख धर्म के प्रति अपमान बताया है और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में इस प्रकार की गलतियां न हों। सिख समाज के कुछ नेताओं ने कहा कि अगर ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं तो इससे सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर उठे इस विवाद ने केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक तकरार को और तेज कर दिया है। इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, यह मुद्दा सिख समाज के लिए बेहद संवेदनशील बन चुका है और इसके बाद की प्रतिक्रियाएं और कदम भविष्य में और भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

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