सीतापुर. सीतापुर एसपी चक्रेश मिश्रा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे कमलापुर थाने को लाइन हाजिर कर दिया. एसपी ने कमलापुर थाने के SHO भानु प्रताप सिंह समेत 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया. एसपी की इस कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.
मामला गांजा तस्करी से जुड़ा होना बताया जा रहा है. सीतापुर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. कार्रवाई को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं. एसपी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. पुलिस सूत्रों का यहां तक कहना है कि एसपी और एसएचओ के बीच फोन पर जमकर हुई कहासुनी भी हुई, जिसके बाद एसपी चक्रेश मिश्रा सुबह करीब 4 बजे कमलापुर थाने पहुंचे जहां उन्होंने मामले की पड़ताल की. एसपी द्वारा यह कार्रवाई की गई.सूत्रों का कहना है
सूत्रों की मानें तो एसओ के हटने के मामले में क्राइम ब्रांच की अहम भूमिका बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि क्राइम ब्रांच ने भारी मात्रा में मादक पदार्थ को खैराबाद से अटरिया के बीच हाईवे पर पकड़ लिया था। एक इनोवा कार में भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ लदा हुआ था। अपना कोई थाना न होने के कारण क्राइम ब्रांच को माल को किसी थाने में दर्ज ही कराना पड़ता है। हाईवे पर ही कमलापुर थाना पड़ता है। क्राइम ब्रांच की टीम उस माल को कमलापुर थाने में दाखिल कराना चाह रही थी, लेकिन एसओ भानू प्रताप ने इस काम के लिए मना कर दिया। उनके मुताबिक माल को जहां पकड़ा गया वह स्थान कमलापुर थाना क्षेत्र का नहीं था। अगर ऐसा था तो क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी थाने की पुलिस को देनी चाहिए थी। सुबह के समय इसकी जानकारी एसपी को हुई तो वह खुद ही थाने पहुंच गए। एसपी ने एसओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद भी एसओ ने कार्रवाई को गलत मानकर करने से मना कर दिया। नाराज होकर एसपी ने मामले में यह कार्रवाई कर दी है।
तो वाहन से जा रहा था मादक पदार्थ
क्राइमब्रांच को जानकारी मिली थी कि एक इनोवा कार से भारी मात्रा में मादक पदार्थ जा रहा है लेकिन उस कार पर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली कार के जैसा स्टीकर चिपका था। जिससे किसी को तस्करी का शक न हो। बताया जा रहा है कि कार को देखने के बाद एसओ ने कार्रवाई न करने का और अधिक मन भी बना लिया था।
गाड़ी में लगे जीपीएस ने खोले राज
सूत्रों की मानें तो जिस गाड़ी को क्राइम ब्रांच कमलापुर में दाखिल कराना चाहती थी। उस गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ है। इस वजह से वाहन स्वामी को गाड़ी की आवाजाही की पूरी सूचना थी। ऐसे में पुलिस की एक चूक पूरे केस की पोल खोलकर रख देती। शायद यही वजह रही कि एसएचओ कमलापुर ने गाड़ी को अपने यहां दाखिल कराने से मना कर दिया। इस वजह से उन्हें लाइनहाजिर कर दिया गया।
एसपी के पीआरओ ने बताया कि सुबह कमलापुर का निरीक्षण किया गया था जिसमे कई खामियां मिलीं. भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
इन पर हुई कार्रवाई
एसपी ने जिन पर कार्रवाई की है, उसमें एसएचओ भानु प्रताप सिंह (प्रभारी निरीक्षक थाना कमलापुर) , सब इंस्पेक्टर पीयूष सिंह (प्रभारी चौकी मास्टरबाग, थाना कमलापुर) , सब इंस्पेक्टर उग्रसेन सिंह, सब इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह (प्रभारी चौकी कस्बा, थाना कमलापुर) , सब इंस्पेक्टर रमेश जायसवाल, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, हेड कांस्टेबल राकेश चंद्र, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल समर बहादुर, हेड कांस्टेबल विजय चंद्र, कांस्टेबल विनोद कुमार सरोज, कांस्टेबल सुनील कुमार यादव, कांस्टेबल सतीश कुमार, कांस्टेबल भुवाल चंद्र, कांस्टेबल जय कुमार, कांस्टेबल गौरव कुमार, कांस्टेबल कमल सिंह, कांस्टेबल अजय कुमार, कांस्टेबल अमित सिंह, कांस्टेबल इरशाद अहमद, कांस्टेबल आकाश कटियार, कांस्टेबल अभिषेक कुमार, कांस्टेबल दिनेश कुमार, कांस्टेबल विजय पाल, कांस्टेबल अनुज कुमार, कांस्टेबल प्रिंस भारती, कांस्टेबल दिनेश कुमार के नाम शामिल हैं.