रामनगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को संतो व विहिप ने किया स्वागत

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अयोध्या : रामनगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने पर अयोध्या के संतो व विहिप ने स्वागत किया है, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने केंद्र सरकार को पत्र के माध्यम से सरकार द्वारा चिंहित किये गए भगवान श्री राम के वन गमन मार्ग में प्रयागराज, संगम व बाल्मीकि आश्रम को भी शामिल किये जाने की मांग की है।राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने बताया कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा को राष्ट्रीय मार्ग घोषित किए जाने के लिए पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 5 अप्रैल को की घोषणा कर दिया था। बहुत ही सुंदर दृश्य होगा जहां लाखों लोग परिक्रमा करेंगे। तो वही बताया कि एक और बहुत बड़ा कार्य किया जाना है। श्री राम वन गमन मार्ग बनाया है वह बहुत ही सुंदर है और एक सुझाव पूज्य गुरुदेव (महंत नृत्य गोपाल दास ) के माध्यम से दिया गया है। जिसमें वन गमन मार्ग में कुछ स्थलों को छोड़ दिया गया है और हमारा प्रयास है कि उन स्थलों को भी उस मार्ग से जोड़ा जाए जिसमें प्रयागराज संगम व बाल्मीकि आश्रम को छोड़ा गया है अभी दूसरे मार्ग से होकर जा रहा है। इस पर भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ध्यान दें और जिस मार्ग से भगवान श्रीराम वन गए थे वही मार्ग ही बनाए जाना चाहिए।

वही रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान श्री राम के जीवन काल से जुड़े सभी स्थलों को भी विकसित किए जाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इसी के तहत अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को विकसित किए जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। यह स्वागत योग्य है।विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा चैत्र पूर्णिमा के समय निकाली जाती है और इस परिक्रमा के द्वारा 50 का भ्रमण करते हैं और जिस प्रकार से अयोध्या में पंचकोशी परिक्रमा 14 कोसी परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार से अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी मानी गई है या लाखों वर्षों की प्राचीन परंपरा है। काकी जरूर रहा होगा कि जब यहां परिक्रमा को प्रारंभ किया गया उस समय अयोध्या में भगवान श्री रामलला विराजमान रहे होंगे और आज केंद्र सरकार के द्वारा की सक्रियता पढ़ाई जाने से हम सभी प्रशन्न हैं। वही कहां सरकार के इस योजना से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी संख्या में धार्मिक स्थल हैं जिन्हें विकसित किए जाएंगे जहां पर पर्यटन भी बड़ी संख्या में पहुंचेंगे तो आसपास के लोगों की आय का स्रोत भी बनेगा।

 

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