गुजरात की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम करेगी ट्रांसपोर्ट नगर बिल्डिंग हादसे के कारणों की जांच
By – Wahab uddin siddiqui
लखनऊ। ट्रांसपोर्ट नगर में बिल्डिंग गिरने के मामले में गुजरात से आयी नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जाँच शुरू कर दी है। ये टीम पता करेगी की कानपुर रोड योजना के ट्रांसपोर्ट नगर में भूखण्ड संख्या-सी-54 पर निर्मित व्यावसायिक बिल्डिंग अचानक कैसे गिरी। मंगलवार सुबह लखनऊ पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण करके स्लैब, कॉलम व बीम आदि की नापजोख करी। विशेषज्ञों का कहना है कि कम्प्रेशन व टेन्साइल टेस्ट करके पता लगाया जाएगा कि कॉलम व बीम बिल्डिंग का भार सहने लायक थे या नहीं। इसके लिए स्ट्रक्चर के क्षतिग्रस्त हिस्सों के सैम्पल सुरक्षित किए गए हैं।लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधी नगर, गुजरात को घटना के कारणों की जांच करने के लिए कहा गया है। इस क्रम में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ आरके शाह एसोसिएट प्रोफेसर मेरूल वकील व प्रोफेसर डॉ प्रवीण गुप्ता की टीम मंगलवार सुबह ट्रांसपोर्ट नगर पहुंची। टीम के सहयोग के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों व अभियंताओं को पहले से ही मौके पर उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये थे। जिनके द्वारा विशेषज्ञों की टीम को पूरे परिसर का निरीक्षण कराया गया। इस दौरान टीम ने क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के हिस्सों में से स्लैब की मोटाई, कॉलम व बीम के आकार व निर्माण में इस्तेमाल हुयी सरिया के व्यास की नापजोख करके जानकारी दर्ज की। विशेषज्ञों के अनुसार उक्त प्रकरण में सीटीएम (कम्प्रेशन टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम की मजबूती की जांच की जाएगी। इसके अलावा यूटीएम (यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम में इस्तेमाल हुयी सरिया व कन्क्रीट का टेन्साइल टेस्ट किया जाएगा। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कॉलम व बीम बिल्डिंग का भार सहने लायक थे या नहीं। इसके लिए बिल्डिंग के मलबे से सैम्पल सुरक्षित किये गये हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि टीम ने भूखण्ड संख्या सी-54, सी-55 एवं सी-41 के भवन मानचित्र की मांग की गयी है, जिसे जल्द से जल्द उपलब्ध करा दिया जाएगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि घटनास्थल के बगल व पीछे स्थित भूखण्ड संख्या सी-55 व सी-41 पर निर्मित भवनों को प्राधिकरण द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से सील किया गया है। इन भवनों का टीम से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा, जिसके पूर्ण होने तक ये बिल्डिंग सील रहेंगी और यहां किसी भी तरह की गतिविधि के संचालन पर रोक रहेगी।