कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं, लेकिन अब इस योजना को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आयुष्मान योजना के तहत 212 अस्पतालों पर अपनी नजरें गड़ाई हैं, जहां कथित तौर पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से भुगतान किए गए हैं। इस घोटाले में लगभग 40 करोड़ रुपये की पेमेंट रुकी हुई है।
घोटाले का खुलासा
आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है, और अस्पतालों को इसके बदले में सरकार से भुगतान किया जाता है। ED ने अपनी जांच में पाया कि कुछ अस्पतालों ने गलत तरीके से अधिक भुगतान प्राप्त किया था, या फिर बोगस इलाज के नाम पर फर्जी बिलिंग की थी। इसके बाद, ED ने इन 212 अस्पतालों की जांच शुरू की और पाया कि इनसे जुड़े कई वित्तीय लेन-देन संदिग्ध हैं।
40 करोड़ की पेमेंट रुकी
इस घोटाले में 40 करोड़ रुपये की पेमेंट रुकी हुई है, जो कि इन अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि थी। ED की जांच के अनुसार, इन अस्पतालों ने जानबूझकर मरीजों का इलाज न करके केवल फर्जी कागजात तैयार किए थे और इसके आधार पर भुगतान लिया था।
ED की कार्रवाई
ED ने इन अस्पतालों के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग और अन्य आरोपों के तहत जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, ED ने इन अस्पतालों से संबंधित दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड को जब्त कर लिया है। ED की यह कार्रवाई इस घोटाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
आयुष्मान योजना को लेकर सरकार ने इस घोटाले पर चिंता जताई है और इस मामले की गंभीरता से जांच कराने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के मामलों को सख्ती से निपटने के लिए वे प्रोटोकॉल में सुधार करेंगे और अस्पतालों के वित्तीय लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखेंगे।
इस घोटाले के सामने आने के बाद आयुष्मान योजना के तहत भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, सरकार का यह कहना है कि वे इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और इस घोटाले से जुड़े आरोपियों को सजा दिलवाने की पूरी कोशिश करेंगे।
भविष्य में क्या होगा?
इस घोटाले के खुलासे के बाद, आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों की निगरानी और कड़ी की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का भी वादा किया है कि इस तरह के धोखाधड़ी वाले मामलों को रोकने के लिए अधिक प्रभावी उपाय किए जाएं। इसके अलावा, योजना के तहत भुगतान के प्रोसेस को और पारदर्शी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। ,यह मामला आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल उठाता है, और अब यह देखना होगा कि प्रशासन इसे कैसे नियंत्रित करता है।