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ओम प्रकाश चौटाला की घड़ी वाली कहानी क्या थी, जिस कारण पिता ने घर तक से निकाल दिया था

हरियाणा
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 20, 2024

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। ओम प्रकाश चौटाला की घड़ी वाली कहानी एक चर्चित घटना है, जो उनकी ज़िंदगी में एक विवाद का कारण बनी थी। यह घटना उनके पिता चौधरी देवी लाल से जुड़ी हुई है, जो उस समय के प्रमुख नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री थे।

कहानी इस प्रकार है:

घड़ी वाली घटना

किसी समय की बात है जब ओम प्रकाश चौटाला एक बार अपने पिता से मिलने के लिए दिल्ली गए थे। उन्होंने अपने पिता के पास एक महंगी घड़ी खरीदी थी, जो उनकी सैलरी से कहीं अधिक मूल्य की थी। इस घड़ी को ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पिता को दिखाया, जो बेहद चौंक गए। उनका मानना था कि एक नेता के बेटे को इतनी महंगी चीज़ें पहननी शोभा नहीं देतीं, खासकर जब वह जनता के पैसे से या अपनी सरकारी हैसियत से इसका इस्तेमाल कर रहे हों।

पिता का गुस्सा और घर से निकालना

चौधरी देवी लाल ने जब यह घड़ी देखी, तो उन्हें यह बहुत खराब लगा कि उनका बेटा इतनी महंगी घड़ी पहनने की सोच रहा है। उन्होंने इसे बुरी तरह नकारते हुए ओम प्रकाश चौटाला को घर से निकाल दिया। वह यह महसूस कर रहे थे कि ओम प्रकाश चौटाला अपनी जिम्मेदारी और सार्वजनिक छवि से भटक रहे हैं। इस घटना ने ओम प्रकाश चौटाला के साथ उनके पिता के रिश्तों में एक बड़ी खाई बना दी। यह घटना इसलिए चर्चा में आई क्योंकि चौधरी देवी लाल एक सरल और गरीब-हितैषी नेता थे, जिन्होंने हमेशा जनता की सेवा को प्राथमिकता दी। उनके लिए ओम प्रकाश चौटाला की इस घड़ी की खरीदारी उनके सिद्धांतों के खिलाफ थी, जिससे पिता और पुत्र के बीच मतभेद पैदा हो गए।

 

बाद की स्थिति

यह घड़ी वाली घटना एक समय के लिए ओम प्रकाश चौटाला और उनके पिता के बीच तनाव का कारण बनी, लेकिन बाद में ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी राजनीति की दिशा और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित किया।  यह घटना इस बात का प्रतीक बनी कि राजनीति में पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों के बीच भी बहुत गहरे मतभेद हो सकते हैं, और यह भी दिखाती है कि एक नेता के लिए परिवार की अपेक्षाएँ और सार्वजनिक जीवन की जिम्मेदारियाँ कभी-कभी टकरा सकती हैं।

सीएम देवीलाल उस समय चंडीगढ़ PGI में अपना इलाज करवा रहे थे. जब देवीलाल को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ लहजे में कह दिया कि ओमप्रकाश के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. इसके बाद पिता देवीलाल ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था, हालांकि हर कहानी के दो पहलू होते हैं.इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही हुआ.हरियाणा के वित्त मंत्री रहे संपत सिंह बताते हैं कि चौटाला घड़ियों की स्मगलिंग नहीं कर रहे थे. CM का बेटा होने के नाते विदेश दौरे पर उन्हें गिफ्ट में घड़ियां मिली थीं. जांच हुई तो ओम प्रकाश चौटाला निर्दोष पाए गए. इसके बाद देवीलाल ने भी बेटे को माफ कर दिया

 

 

  

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