कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को बीजेपी ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बीजेपी विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधते हुए "जंगली मुर्गा किसने खाया?" और "सुक्खू भइया, सुक्खू भइया..." जैसे नारे लगाए। यह नारे विधानसभा में बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री सुक्खू के खिलाफ की जा रही आलोचना का हिस्सा थे।
दरअसल, यह प्रदर्शन उस समय हुआ जब मुख्यमंत्री सुक्खू ने कुछ समय पहले एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "जंगली मुर्गा" एक बड़ी समस्या है, जिसका समाधान सरकार द्वारा किया जाएगा। बीजेपी ने इस बयान को लेकर तंज कसा और इसे विधानसभा सत्र के दौरान मुद्दा बना दिया। पार्टी ने यह आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इस बयान से राज्य के लोगों की स्थिति का मजाक उड़ाया जा रहा है और सुक्खू सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है।
बीजेपी के नेता और विधायक मुख्यमंत्री सुक्खू के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके बयान पर सवाल उठा रहे थे। बीजेपी के नेताओं का कहना था कि राज्य के लोग गरीबी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ऐसे बेमतलब मुद्दों पर बयान दे रहे हैं। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार अपने मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे अनावश्यक बयान दे रही है।
विधानसभा में बीजेपी का प्रदर्शन इस बात को लेकर था कि राज्य की जनता को सही दिशा में काम करने की बजाय, मुख्यमंत्री और उनकी सरकार इस तरह के बयानों से जनता को भ्रमित कर रही है। बीजेपी ने शीतकालीन सत्र में राज्य की बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और सरकारी कर्मचारियों के मुद्दों पर भी सवाल उठाए और सरकार से इन समस्याओं का समाधान करने की मांग की।
इस दौरान, सुक्खू सरकार ने बीजेपी के आरोपों को खारिज किया और कहा कि बीजेपी केवल राजनीति कर रही है और विधानसभा में ऐसे मुद्दे उठाकर समय बर्बाद कर रही है। सरकार ने इस प्रदर्शन को नकारते हुए कहा कि असली मुद्दों पर काम हो रहा है और समय आने पर इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बीजेपी का यह प्रदर्शन एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का हिस्सा है, जहां एक तरफ बीजेपी मुख्यमंत्री सुक्खू के बयानों पर सवाल उठा रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने इसे केवल एक राजनीतिक हथकंडा बताया है। इस प्रदर्शन ने राज्य में शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच की तनातनी को और बढ़ा दिया है।