कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
गोण्डा जिले की तेज तर्रार जिलाधिकारी प्रियं का निरंजन के तलख़ तेवर देखकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि क्या जिले के प्रभारी मंत्री से सवाल पूछना पत्रकारों ने गुनाह कर दिया है, और जिलाधिकारी महोदया को गुस्सा आ गया उन्होंने पत्रकारों को यहा तक कह दिया ये लोग अराजकता फैला रहे हैं पत्रकार एक जिले के प्रभारी मंत्री से ऐसा सवाल नहीं पूछ सकते है। बताते हैं कि 23 नवंबर को मेडिकल कॉलेज में एक छह माह की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिवार ने अस्पताल पर लापरवा ही का आरोप लगाया है, कहा गया कि डॉक्टर ने एक बार भी बच्ची को नहीं देखा। शव वाहन की मांग पर भी मदद नहीं मिली,शव को बोलेरो से ले जाना पड़ा। पीड़ित परिवार का कहना है कि कमरे पर फीस लेने के बाद भी डाक्टर एक बार भी अस्पताल में बच्ची को झांकने तक न हीं आए और दवा व जांच भी बाहर का लिखा गया है।इटियाथोक के सेखुई निवासी गोलू रविवार दोपहर तीन बजे अपनी छह माह की भतीजी रिया शुक्ला पुत्री दिलीप शुक्ला को अधिक रोने व नीली टट्टी होने की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर आए थे।उनका आरोप है कि इमरजेंसी में एक युवक मिला,जिसने दो सौ रुपए लेकर उन्हें बालरोग विशेषज्ञ के सरकारी आवास पर पहुंचा दिया, जहां तीन सौ रुपए फीस लेकर बालरोग विशे षज्ञ ने बच्ची को देखा और पीकू वार्ड में भर्ती करने के लिए भेज दिया।जांच व दवाएं भी बाह र की ही लिख दी गई।वहां मेडिकल कॉलेज के पीकू वार्ड में बेड खाली न होने पर जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया गया। गोलू का आरोप है कि बच्ची दर्द से कराहती रही लेकिन डाक्टर एक बार भी देखने नहीं आए। बाहर से जांच कराने के बाद रिपोर्ट कमरे पर ले जाकर दिखाया तो फिर से बाहर की दवा लिख दिए। जिसके बाद रविवार देर शाम बच्ची की मौत हो गई। नहीं मिला शव वाहन, दो हजार देकर बोलेरो से घर ले गए शव : पीड़ित परिवार के गोलू ने बताया कि मौत के बाद शव ले जाने के लिए शव वाह न की मांग की गई लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया।इसके बाद दो हजार रुपए में एक बोलेरो वाहन से शव घर लाया गया,इसी बात को लेकर शुक्रवार को सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री दारा सिंह से गोंडा मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं और भाजपा नेताओं के द्वारा लगातार सीएमओ रश्मि वर्मा के खिलाफ शि कायतों को लेकर जब जिले के प्रभारी मंत्री दारा सिंह से सवाल किया गया तो जिलाधि कारी महोदया को गुस्सा आ गया और उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मोबाइल आपके हाथों में आ गया तो आप लोग कुछ भी पूछ लेंगे कायदे का सवाल कीजिए। जिलाधिकारी महो दया के सामने पत्रकार कहते रहे हमने ऐसा कौन सा सवाल पूछ लिया जो गुनाह किया है। लेकिन जिलाधिकारी महोदया को प्रभारी मंत्री के सामने यू जनपद का विकास रैंकिंग और मे डिकल कॉलेज के अव्यवस्थाओं को लेकर स वाल पसंद नहीं आया और उन्होंने जमकर उ सकी आपत्ति जताई, पत्रकारों ने प्रभारी मंत्री दारा सिंह से सवाल किया था कि गोंडा जनपद 75 वें स्थान पर पहुंच गया है और आप आए दिन डेवलपमेंट की ही बात करते हैं जिले में दो सांसद और सात विधायक भारतीयजनता पार्टी से हैं फिर भी गोंडा विकास के मामले में पीछे क्यों है।

