कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला क्षेत्र में अचानक लगी आग ने जहां कई अस्थायी ढांचों और सामग्री को नुकसान पहुंचाया, वहीं अब इस घटना को लेकर गीता प्रेस के ट्रस्टी ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि आग को लेकर कुछ विशेष योजनाओं और सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी, जिसकी वजह से यह घटना इतनी बड़ी हो गई।
गीता प्रेस के ट्रस्टी का बयान:
गीता प्रेस के ट्रस्टी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “आग जैसी घटना की संभावना को देखते हुए हमने प्रशासन से पहले ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने इसे हल्के में लिया। अगर समय रहते उपाय किए जाते तो इस तरह के नुकसान से बचा जा सकता था।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आग के बाद कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल और सामग्री जलकर राख हो गए, जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रस्टी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि महाकुंभ के दौरान बड़े पैमाने पर भीड़ और अस्थायी कैंपों के चलते सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाना चाहिए था।
घटना का मंजर:
महाकुंभ मेला के दौरान आग लगने से कई अस्थायी शेल्टर और धार्मिक सामग्री जलकर राख हो गई। आग इतनी बड़ी थी कि आसपास के क्षेत्र में धुआं फैल गया और कई लोग बाल-बाल बच गए। अधिकारियों ने तत्परता से आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था। आग के कारण वहां के चूल्हे, बर्तन और अन्य जरूरी सामान बर्बाद हो गए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रशासन ने घटना के बाद राहत कार्य शुरू किया और प्रभावितों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए। इसके अलावा, आग लगने की वजह का पता लगाने के लिए जांच समिति भी गठित की गई है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि आग के कारणों की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गीता प्रेस के ट्रस्टी का आश्वासन:
गीता प्रेस के ट्रस्टी ने यह भी कहा कि उनकी संस्था आग से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आएगी। उन्होंने प्रशासन से यह भी आग्रह किया कि ऐसे आयोजनों में भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।