कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला, जब उन्होंने मजरूह सुल्तानपुरी को लेकर एक बयान दिया। मजरूह सुल्तानपुरी एक प्रसिद्ध उर्दू कवि और गीतकार थे, जिनके द्वारा लिखे गए गीत भारतीय सिनेमा में बेहद लोकप्रिय हुए। सीतारमण ने कांग्रेस को याद दिलाते हुए कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी के साथ कांग्रेस के कुछ नेताओं का संबंध था, खासकर जब उन्होंने "किस्सा कुर्सी का" फिल्म का जिक्र किया, जो 1977 में आई थी और इस फिल्म का एक विवादास्पद राजनीतिक संदर्भ था।
"किस्सा कुर्सी का" फिल्म भारतीय राजनीति के एक व्यंग्यपूर्ण चित्रण के रूप में जानी जाती है, जिसमें सत्ता और राजनीतिक संघर्षों को लेकर तीखा मजाक किया गया था। कांग्रेस के नेताओं ने उस समय इसे लेकर विरोध किया था, और यह फिल्म भी सेंसर हो गई थी। सीतारमण ने कांग्रेस को इस इतिहास की याद दिलाई, शायद यह बताने के लिए कि पार्टी को अपनी राजनीतिक जड़ों और घटनाओं पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। यह बयान उन आरोपों के संदर्भ में था जो कांग्रेस ने भाजपा और मोदी सरकार पर लगाए थे, और सीतारमण ने कांग्रेस को उसी पार्टी की पुरानी राजनीतिक चालों को याद दिलाते हुए जवाब दिया।
मजरूह सुल्तानपुरी के साथ हुई थी ज्यादती
सीतारमण ने आगे कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष ही नहीं, कवियों तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाल दिया गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी, जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
सीतारमण ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उन्होंने अपना संविधान लिख लिया था, लेकिन कई लोगों ने अपने संविधान को बदल दिया है, न केवल उनमें संशोधन किया है बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की संपूर्ण विशेषता को बदल दिया है। इस सबके बावजूद हमारा संविधान निश्चित रूप से समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसमें कई संशोधन हुए हैं।