Search News

महंगाई को लेकर संसद में हंगामा, विपक्षी दलों ने किया सरकार को घेरने का प्रयास

संसद
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 12, 2024

कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। 12 दिसंबर 2024 को संसद में महंगाई को लेकर विपक्षी दलों और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। पेट्रोल, डीजल, खाद्य वस्तुओं और अन्य जरूरी सामानों की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के दौरान संसद में हंगामा मच गया। विपक्षी दलों ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की कोशिश की, वहीं सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों का बचाव किया।

महंगाई पर विपक्षी दलों का हमला

संसद में विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह महंगाई पर काबू पाने में पूरी तरह से असफल रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि और खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), और अन्य विपक्षी दलों ने महंगाई को “जनता की जेब पर हमला” करार देते हुए इसे सरकार की नीतियों की असफलता बताया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने संसद में भाषण देते हुए कहा, “महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, और सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जनता की जीवन-यापन की स्थिति कठिन होती जा रही है, और सरकार बस आंखें मूंदे बैठी है।” उन्होंने सरकार से यह सवाल पूछा कि वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर नियंत्रण क्यों नहीं कर पा रही है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है।

सरकार का बचाव

महंगाई के मुद्दे पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि महंगाई केवल भारत में नहीं, बल्कि दुनियाभर में एक समस्या बनी हुई है। सरकार का दावा है कि वैश्विक आर्थिक संकट, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण महंगाई बढ़ी है। सरकार के प्रवक्ता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि आवश्यक वस्तुओं पर नियंत्रण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के जरिए सस्ती खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराना, और कृषि सुधारों को बढ़ावा देना।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार की कर दरों को कम करने की कोशिश की थी, लेकिन राज्य सरकारों को भी अपने स्तर पर वैट कम करने की जरूरत है। उन्होंने विपक्षी दलों को आरोपों के बजाय समस्याओं का समाधान निकालने की सलाह दी और कहा कि महंगाई से लड़ने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

संसद में हंगामा

महंगाई पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों की नारेबाजी और विरोध के कारण सदन में कुछ समय के लिए हंगामा भी मच गया। कई सांसद अपनी-अपनी सीटों से उठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए रोकनी पड़ी। विपक्ष ने मांग की कि महंगाई पर तुरंत चर्चा हो और सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए।

संसद के मानसून सत्र के दौरान भी महंगाई को लेकर इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन इस बार मुद्दा और तीव्र हो गया था क्योंकि आम जनता की जीवन-यापन की स्थिति गंभीर हो चुकी थी।

 

 

पेट्रोल-डीजल की कीमतें और खाद्य वस्तुएं

पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई राज्यों में ₹100 प्रति लीटर से अधिक हो गई हैं, जिससे परिवहन लागत बढ़ी है और इसके असर से वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। खाद्य वस्तुओं जैसे चीनी, दाल, सब्जियों और अन्य जरूरी सामानों की कीमतें भी आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं।

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार के गलत आर्थिक फैसलों की वजह से आम आदमी के लिए आवश्यक वस्तुएं महंगी हो गई हैं, और इसे नियंत्रित करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है।

विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में महंगाई का बढ़ना केवल घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिक नियंत्रण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में सुधार और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना महंगाई को कम करने में सहायक हो सकता है।

महंगाई का मुद्दा भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय बना हुआ है। संसद में आज का हंगामा इस बात का प्रमाण है कि यह समस्या केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि आम जनता के जीवन से जुड़ा हुआ है। विपक्ष और सरकार दोनों ही अपनी-अपनी दलीलों के साथ इस मुद्दे पर टकराए हैं, लेकिन सवाल यह है कि इस बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार और विपक्ष कब मिलकर ठोस कदम उठाएंगे। संसद में इस मुद्दे पर और अधिक गंभीर चर्चा की आवश्यकता है ताकि समाधान की दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए जा सकें।

Breaking News:

Recent News: