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राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम 27 को बीकानेर में

बीकानेर
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 25, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग, राजस्थान सरकार द्वारा 27 नवंबर को बीकानेर में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान ओबीसी आयोग के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि 27 नवंबर दोपहर 2 से 4.30 बजे तक बीकानेर जिला मुख्यालय पर जिला परिषद सभागार, बीकानेर में आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी सहित अन्य सदस्य गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, मोहन मोरवाल, पवन मंडाविया तथा सचिव (सलाहकार) अशोक कुमार जैन की उपस्थिति में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस परिचर्चा में ओबीसी आयोग आमजन से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर अन्य पिछड़ा वर्गो के क्षेत्रवार मुद्दे, विकास संबंधी आवश्यकताएँ, सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां और ओबीसी समुदाय के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण समस्याओं, अपेक्षाओं व सुझावों को प्राप्त करेगा इस व्यापक जनसुनवाई का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े मुद्दों पर प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर सुझाव एकत्रित करना है । आयोग द्वारा प्राप्त सुझावों को रिपोर्ट में समाहित किया जाएगा ताकि राज्य में ओबीसी समुदाय के सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण के लिए ठोस नीति-निर्माण हो सके। आयोग के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर बीकानेर नम्रता वृष्णि द्वारा प्रियंका तलानिया अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बीकानेर को नोडल अधिकारी एवं यशपाल आहूजा, उपायुक्त नगर निगम बीकानेर को सह नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनसंवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोग द्वारा संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों को व्यवस्था सुनिश्चित करने के विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। आयोग द्वारा जनसंवाद/परिचर्चा कार्यक्रम में संबंधित जिले के वर्तमान एवं पूर्व सांसद, विधायक, जिला प्रमुख-उप प्रमुख/प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम के सदस्य एवं अध्यक्ष, बार काउंसिल सदस्य, शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद एवं नगरीय निकायों के अधिशासी अधिकारी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़े पदाधिकारी तथा आमजन के साथ प्रत्यक्ष संवाद करेगा। साथ ही आयोग के जनसंवाद में वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधि, पंचायत राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही सांसद एवं विधायक जनसुनवाई में भागीदारी के निभायेंगे। जनसंवाद के दौरान आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर हितधारकों के साथ विचार विमर्श,चर्चा करेगा एवं आमजन के सुझाव प्राप्त करेगा। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी ने कहा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का अनुभवजन्य तरीके से अध्ययन करने के लिए आयोग ने तय किया है कि संभाग मुख्यालयों पर पहुँचकर इस विषय में जनसुनवाई के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाये, जिससे आम जनता, राजनैतिक व्यक्तियों, हितबद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विचार जानने के लिए उनसे चर्चा की जाए और यदि कोई व्यक्ति / संस्था इस संबंध में अभ्यावेदन प्रस्तुत करना चाहे तो इसे लिया जाए। आयोग राजस्थान प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गों के समग्र उत्थान एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं। आयोग का प्रयास रहेगा कि वह पूर्ण पारदर्शिता के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के हर वर्ग का विश्लेषण कर शीघ्र ही आरक्षण का नवीन प्रावधान तय करेगा। वर्तमान परिदृश्य में पिछड़े वर्गों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक, विकास के लिए उन रक्षोपायों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक हैं। आयोग पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का नवीन फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में नवीन आरक्षण लागू कर चुनाव करवाया जाएगा।
 

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