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संभल की 150 साल पुरानी बावड़ी की कहानी, महारानी की पोती ने साझा किया दिलचस्प

संभल
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 23, 2024

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। संभल की 150 साल पुरानी बावड़ी (Stepwell) का इतिहास बहुत ही दिलचस्प और समृद्ध है। यह बावड़ी एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थानीय लोगों और इतिहास प्रेमियों के लिए महत्व रखती है। हाल ही में, महारानी की पोती ने इस बावड़ी के बारे में कई दिलचस्प तथ्यों और कहानियों को साझा किया, जो बावड़ी के निर्माण और उसकी सांस्कृतिक महत्ता से जुड़े हुए हैं।

बावड़ी का इतिहास:

संभल की इस बावड़ी का निर्माण करीब 150 साल पहले हुआ था, और यह उस समय के वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। एक समय था जब यह इलाका हिंदू बहुल हुआ करता था और यहाँ की बावड़ी एक महत्वपूर्ण जल स्रोत हुआ करती थी। यह बावड़ी न केवल पानी के संग्रहण के लिए थी, बल्कि समाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए भी इस्तेमाल होती थी।

बावड़ी के संरक्षण को लेकर क्या बोलीं शिप्रा?

महारानी की पोती ने बावड़ी के इतिहास को अपने व्यक्तिगत अनुभवों और पारिवारिक धरोहर के रूप में साझा किया। उनके अनुसार, यह बावड़ी केवल जल संचयन का स्थान नहीं थी, बल्कि यह समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर भी थी, जो समय के साथ इतिहास में खो गई। वे बताती हैं कि इस बावड़ी की सुंदरता और महत्व को पहचानने की जरूरत है, ताकि इसे संरक्षित किया जा सके और आने वाली पीढ़ियों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।

यह कहानी हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, और साथ ही हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे हमारी धरोहर समय के साथ बदलती और समृद्ध होती रही है।

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