कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। संभल हिंसा और दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के प्रभाव ने राज्य का माहौल गरमा दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, 4 दिसंबर को संभल जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया। इसके बाद दोनों नेताओं को दिल्ली वापस लौटना पड़ा। इसी तरह, किसान नेता राकेश टिकैत को भी मथुरा के पास टप्पल में रोका गया और पुलिस ने उन्हें थाने ले जाकर नजरबंद कर दिया।
संभल में जिलाधिकारी के आदेश के तहत, 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। 163 BNSS के तहत, जिले की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। 10 कंपनी पीएसी और आरएएफ की तैनाती के साथ, पुलिस गश्त और संवेदनशील इलाकों में निगरानी रख रही है। उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस एनएसए (National Security Act) के तहत कार्रवाई कर रही है।
सपा के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को 24 नवंबर को हिंसा की रिपोर्ट लेने के लिए संभल भेजा गया था, लेकिन पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद कर दिया। कुछ नेताओं को बॉर्डर पर पहुंचने पर वापस भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कड़ी सुरक्षा और प्रशासनिक कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी बाहरी हस्तक्षेप जिले में न हो सके।