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15 महीने बीते,नहीं हो पाया शर्मावती हत्या का खुलासा.

15 महीने बीते,नहीं हो पाया शर्मावती हत्या का खुलासा.
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: ashok Kumar Pathak
  • Updated: December 18, 2024

15 महीने बीते,नहीं हो पाया शर्मावती हत्या का खुलासा और न उसके गायब पति बलिराम को ढूंढ पाई पुलिस…

 

 

गोण्डा:मोतीगंज थाना क्षेत्र में हुई करीब 40 वर्षीय महिला की नृशंस हत्या की गुत्थी पुलिस की फाइलों में दबकर रह गयी है।हालांकि इस वारदात के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप समेत पुलिस की तीन टीमें लगाई गई थीं,लेकिन पंद्रह महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग सका।ऐसे में टीमों की सक्रियता और कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के गरिबाजोत ग्राम पंचायत कपिसा निवासी विशाल पुत्र बलराम वर्मा ने थाने पर तहरीर दी जिसमें कहा कि उसकी मां शर्मावती (40 वर्ष) पत्नी बलराम वर्मा 13 सितंबर 2023 की सुबह साढ़े दस  बजे अपने गन्ने के खेत में घास काटने गयी थी।खेत से वापस न आने पर वह अपने छोटे भाई विकास व बहन सुमन के साथ ढूंढने निकला।तीनों जब अपनी मां को ढूंढते हुए अपराह्न करीब चार बजे अपने खेत में पहुंचे तो वहां पर उनकी मां का लहूलुहान शव गन्ने के खेत में पत्ती व घास से ढका पड़ा हुआ था।उसने गांव के ही तीन लोगों पर शक जताया,जिसके आधार पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।तहरीर में यह भी कहा गया कि उसके पिता बलराम 13 सितंबर 2023 की सुबह ही घर से निकले हैं,जो अभी तक वापस नहीं आए हैं। बताया जाता है कि गरिबाजोत कपिसा निवासी राम अछैवर वर्मा ने मलारी गांव निवासी बलराम वर्मा से अपनी इकलौती बेटी शर्मावती की शादी की थी।राम अछैवर के पास करीब बीस बीघे जमीन थी,जिसे अपनी मृत्यु से पूर्व ही उसने अपनी बेटी शर्मावती के नाम बैनामा कर दिया था।गत वर्ष राम अछैबर की 95 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।सूत्र बताते हैं कि शर्मावती पर पहले भी धारदार हथियार से हमला किया गया था,जिसमें वह बच गयी थी। शर्मावती हत्याकांड को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल द्वारा घटना का अतिशीघ्र खुलासा करने के लिए मोतीगंज व धानेपुर थाने के साथ ही गोण्डा,बलरामपुर व बहराइच की एसओजी टीमों को भी लगाया गया था,लेकिन पंद्रह महीने बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग सका।ऐसे में जहां मृतका के बच्चों में निराशा है,वहीं लोगों द्वारा पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि पुलिस और एसओजी टीमें शर्मावती की हत्या में इस्तेमाल की गयी हंसिया को भी अब तक बरामद नहीं कर सकी हैं।


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शर्मावती हत्याकांड का खुलासा करने में नाकामयाब रहे मोतीगंज थानाध्यक्ष कृष्ण गोपाल राय को हटा दिया गया था और उनकी जगह उपनिरीक्षक प्रतिभा सिंह को तैनात किया गया था।प्रतिभा सिंह ने भी अपने करीब दस माह के कार्यकाल के दौरान घटना के खुलासे का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सकीं।अब मोतीगंज की मौजूदा प्रभारी निरीक्षक अनीता यादव के सामने भी शर्मावती हत्याकांड के रहस्य से पर्दा उठाना बड़ी चुनौती है।


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शर्मावती की हत्या के दिन,यानी 13 सितंबर 2023 को ही उसका पति बलराम वर्मा भी घर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था।उसका भी आज तक पता नहीं चल सका। गांव वालों के साथ ही रिश्तेदार भी कहते हैं कि बलराम को जमीं खा गयी या आसमां निगल गया  ?


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इस बहुचर्चित हत्याकांड में पुलिस व महकमे के अधिकारी शर्मावती की हत्या का मास्टर माइंड उसके पति बलराम को ही मान रहे हैं।सीओ सदर शिल्पा वर्मा का कहना है कि मृतका शर्मावती का पति बलराम घटना के दिन से ही लापता है।इससे पहले भी वह गायब हो चुका है।ऐसे में वह शक के दायरे में है। इस मामले में पुलिस लगी हुई है। उन्होंने बताया कि 82 की कार्रवाई का प्रयास किया जा रहा है।

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