कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । पटना: बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की संभावना है। इस फैसले को लेकर राज्य सरकार की ओर से गंभीर विचार-विमर्श जारी है, क्योंकि यह रंग हल्दी में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
क्या है लेड क्रोमेट?
लेड क्रोमेट एक रासायनिक पदार्थ है, जिसका उपयोग रंगाई के लिए किया जाता है। यह रासायनिक तत्व स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है, खासकर अगर इसे खाने के लिए इस्तेमाल किया जाए। कई बार हल्दी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए व्यापारी इसका उपयोग करते हैं, जिससे हल्दी का रंग अधिक गहरा और आकर्षक दिखाई देता है। हालांकि, यह मानव शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह लीड (सीसा) के विषाक्त प्रभाव को शरीर में प्रवेश करने का मौका देता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
नवीनतम निर्णय और संभावित प्रतिबंध:
बिहार सरकार ने हल्दी में लेड क्रोमेट के इस्तेमाल की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अब इस पर कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा विभाग को इस पर कड़ी निगरानी रखने और इस अवैध रंग का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
लेड क्रोमेट के स्वास्थ्य पर होते घातक दुष्प्रभाव
- लेड क्रोमेट के कारण न्यूरोलाजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर, ध्यान की कमी व याददाश्त कमजोर हो सकती है।
- इसका क्रोमियम-6 पेट एवं फेफड़ों के कैंसर की आशंका को बढ़ा देता है।
- लेड क्रोमेट की शरीर में अधिकता से लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है।
- तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क से लेकर महिला-पुरुष की प्रजनन क्षमता तक को कम कर देता है।
- गर्भस्थ शिशु को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं।
- बच्चों को शारीरिक व मानसिक विकास बाधित करने के साथ उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लेड क्रोमेट के संपर्क में आने से लंबी अवधि में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि पेट में सूजन, रक्तचाप में वृद्धि, गुर्दे की बीमारी और अन्य गंभीर रोग। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनके शरीर में इसका प्रभाव ज्यादा तेजी से पड़ता है।
बिहार सरकार का कदम:
बिहार सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। अधिकारियों का कहना है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट की शिकायतें आ रही हैं, और इस पर कड़ी निगरानी रखने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत संबंधित व्यापारियों और दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो इस रासायनिक रंग का उपयोग करते पाए जाएंगे।
फूड सेफ्टी अधिकारियों की सक्रियता:
राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मामले पर पूरी तरह से नजर बनाए रखी है। विभाग के अधिकारी जल्द ही राज्यभर में अभियान चलाकर हल्दी की गुणवत्ता की जांच करेंगे। अगर किसी दुकान या विक्रेता के पास लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी मिली, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य की जनता से अपील:
सरकार ने राज्य की जनता से भी अपील की है कि वे हल्दी खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की जांच करें और किसी भी प्रकार की संदेहास्पद हल्दी का सेवन न करें। इसके लिए अधिकारियों द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाए जाने की संभावना है, ताकि लोग इस रासायनिक रंग की पहचान कर सकें और इसके खतरों से बच सकें। बिहार सरकार का यह कदम राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से न केवल आम जनता को सुरक्षित रखा जाएगा, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के खिलाफ एक कड़ा संदेश भी जाएगा।