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UP News: नियमावली के बिना पदोन्नति और तैनाती पर योगी सरकार सख्त, 150 लेखा परीक्षकों के प्रमोशन रद्द

यूपी
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 21, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमावली के बिना पदोन्नति और तैनाती के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। योगी सरकार ने 150 लेखा परीक्षकों के प्रमोशन को रद्द कर दिया है, जो बिना निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के किया गया था। यह कदम राज्य सरकार द्वारा प्रशासनिक पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्या है मामला?

प्रदेश के वित्त विभाग में कार्यरत 150 लेखा परीक्षकों के प्रमोशन पर विवाद उठने के बाद योगी सरकार ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में यह सामने आया कि इन पदोन्नतियों का फैसला बिना निर्धारित नियमों, मापदंडों और प्रक्रिया के लिया गया था, जो कि सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए अनिवार्य हैं। इसके बाद सरकार ने इन सभी पदोन्नतियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया और अधिकारियों को इस पर पुनः विचार करने का आदेश दिया।

योगी सरकार का सख्त संदेश

योगी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि नियमों और प्रक्रियाओं के बिना किसी भी प्रकार की नियुक्ति, तैनाती या पदोन्नति स्वीकार्य नहीं होगी। यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने और सरकारी कर्मचारियों के बीच निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सरकार का मानना है कि बिना उचित प्रक्रिया के की गई नियुक्तियां और पदोन्नतियां प्रशासनिक सुधारों और कर्मचारियों के बीच विश्वास को कमजोर कर सकती हैं।

प्रमोशन रद्द होने से कर्मचारियों में मचा हड़कंप

जिन 150 लेखा परीक्षकों के प्रमोशन रद्द किए गए हैं, वे इस फैसले से चौंक गए हैं। प्रमोशन रद्द होने से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और कई कर्मचारियों ने इसे अन्यायपूर्ण करार दिया है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम सरकार की नीतियों और नियमों के अनुरूप है, और कर्मचारियों को जल्द ही सही प्रक्रिया के तहत पदोन्नति दी जाएगी।

सरकार का फोकस पारदर्शिता पर

योगी सरकार का यह कदम प्रशासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। राज्य सरकार ने पहले ही कई विभागों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, और यह कदम उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में कोई भी पदोन्नति, नियुक्ति या तैनाती पूरी तरह से नियमों के तहत होगी, ताकि कोई भी कर्मचारी यह न कह सके कि उसे अनुचित तरीके से पदोन्नति या तैनाती मिली है।

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