कैनविज टाइम्स, धर्म डेस्क। वरूथिनी एकादशी 2025 का व्रत 24 अप्रैल, गुरुवार को है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा, उपवास और तपस्या के लिए जाना जाता है। इस दिन कुछ विशेष आहार और आचार से संबंधित नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।
वरूथिनी एकादशी व्रत में क्या न खाएं:
1. चावल और दालें: इस दिन चावल, दाल, गेहूं, जौ आदि अनाज का सेवन वर्जित है। 
2. लहसुन और प्याज: लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. मसूर की दाल: मसूर की दाल का सेवन भी इस दिन वर्जित है। 
4. साधारण नमक: साधारण नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए; इसके स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग करें। 
5. गोभी, पालक, शलजम, गाजर: इन पत्तेदार और तामसिक सब्जियों का सेवन भी इस दिन वर्जित है।
वरूथिनी एकादशी व्रत में क्या खाएं:
• फलाहार: केला, सेब, अंगूर, संतरा आदि फलों का सेवन कर सकते हैं।
• साबूदाना, सिंघाड़ा, शकरकंद, आलू: इनका सेवन किया जा सकता है।
• कुट्टू का आटा: कुट्टू के आटे से बनी रोटियां या पकवान खा सकते हैं, लेकिन इसे अर्ध-अन्न माना जाता है, इसलिए कुछ विद्वान इसके सेवन से बचने की सलाह देते हैं। 
• दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, मख्खन आदि का सेवन किया जा सकता है।
• सेंधा नमक: सेंधा नमक का प्रयोग करें।
इन नियमों का पालन करके आप वरूथिनी एकादशी का व्रत सही तरीके से कर सकते हैं और इसके धार्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।