कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। केंद्र सरकार ने गुरुवार को भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है। यह कदम भारत के टिकाऊ कोयला उत्पादन अभियान के तहत उठाया गया है। सरकार का उद्देश्य भूमिगत खनन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना और इससे जुड़ी वित्तीय बाधाओं को कम करना है, ताकि इन परियोजनाओं को तेजी से कार्यान्वित किया जा सके।
मुख्य प्रोत्साहन उपाय:
राजस्व हिस्सेदारी में कमी: कोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला खदानों के लिए राजस्व हिस्सेदारी का न्यूनतम प्रतिशत 4% से घटाकर 2% कर दिया है। इस कदम से परियोजनाओं को वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे यह परियोजनाएं अधिक व्यवहारिक और आकर्षक बनेंगी।
अग्रिम भुगतान से छूट: भूमिगत खनन उद्यमों के लिए अनिवार्य अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इससे वित्तीय दबाव कम होगा और निजी कंपनियां इन परियोजनाओं में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगी।
प्रदर्शन सुरक्षा पर छूट: भूमिगत कोयला ब्लॉक के लिए प्रदर्शन सुरक्षा में मौजूदा 50% छूट को बरकरार रखा गया है। यह कदम भी परियोजना के क्रियान्वयन को तेज करने के लिए सहायक होगा।
पर्यावरणीय लाभ: भूमिगत कोयला खनन पर्यावरण के दृष्टिकोण से अधिक अनुकूल है, क्योंकि यह खुले खदानों के मुकाबले कम सतही बाधाएं उत्पन्न करता है। इससे प्राकृतिक संसाधनों का कम नुकसान होता है और पर्यावरणीय प्रभाव भी कम रहता है। इस प्रकार के प्रोत्साहन उपायों से कंपनियों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जो न केवल उत्पादकता को बढ़ावा देंगे, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखेंगे।