कैनवीज टाइम्स/ डिजिटल डेस्क/ लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए उन्हें तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाया है और कई मामलों में उनकी नाकामी सामने आई है। केजरीवाल ने यह बयान दिल्ली में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उठाए गए सवालों के बाद दिया, जिसमें उन्होंने गृहमंत्री से जवाब मांगते हुए कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण दिल्ली की स्थिति बिगड़ी है।
केजरीवाल का कहना है कि अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और शहर में अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने दिल्ली में बढ़ते अपराधों को लेकर केंद्र सरकार और अमित शाह से सीधा सवाल किया कि आखिरकार ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अमित शाह को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी, लेकिन वे इसमें पूरी तरह से विफल रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में बढ़ती हिंसा और अपराध के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास शक्तियां हैं, लेकिन फिर भी अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए गृहमंत्री ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।
केजरीवाल के अनुसार, दिल्ली में स्थिति और अधिक खराब हो रही है, और इससे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय और गृहमंत्री अमित शाह ने इस स्थिति पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के नागरिकों को उनकी सुरक्षा का अधिकार है और वे उम्मीद करते हैं कि सरकार उनके हक में काम करेगी।
इसके जवाब में, भाजपा ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज किया और कहा कि दिल्ली में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मामले में केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी चाहिए, क्योंकि दिल्ली पुलिस का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार का भी अहम रोल है।
कुल मिलाकर, केजरीवाल ने अमित शाह से दिल्ली की कानून-व्यवस्था के मामलों पर जवाब मांगा है और यह सवाल उठाया है कि गृह मंत्रालय अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री का यह बयान राजनीतिक हलकों में एक नई बहस का कारण बन गया है और आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और भी चर्चाएं हो सकती हैं।