डिजिटल डेस्क/ कैनविज टाइम्स। किसान यूनियनों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए 8 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का एलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार अगर 7 दिसंबर तक उनके मुद्दों का समाधान नहीं करती है तो किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे और संसद के पास बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि केंद्र को अब तक कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आवाज़ों को नजरअंदाज करने की कोई गुंजाइश नहीं है, और अब किसानों के धैर्य का बांध टूट चुका है।
किसान यूनियनों का मुख्य आरोप है कि सरकार कृषि कानूनों को वापिस नहीं ले रही है, जिससे किसानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। उनके मुताबिक, इन कानूनों से किसानों की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और बड़े कॉर्पोरेट कंपनियों का प्रभाव बढ़ेगा। किसान नेताओं ने सरकार से इन तीन विवादित कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो 8 दिसंबर को दिल्ली की ओर बड़ी संख्या में किसान मार्च करेंगे। किसान संगठनों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करेंगे और किसी भी तरह की हिंसा से बचेंगे।
सरकार की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। किसानों का यह आंदोलन देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है, और 8 दिसंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर देश भर में कड़ी नजर रखी जा रही है। किसानों के इस आंदोलन को कई अन्य संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है, जो इस संघर्ष में किसानों के साथ खड़े हैं। किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष सिर्फ अपने अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है।