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किसान आंदोलन: खनौरी बॉर्डर पहुंचे राजा वड़िंग, डल्लेवाल से की मुलाकात; केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

दिल्ली
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 16, 2024

कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। किसान आंदोलन के बीच, पंजाब कांग्रेस नेता राजा वड़िंग खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्होंने किसान नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। वड़िंग ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है और आंदोलनकारी किसानों पर दबाव बनाने के लिए साजिशें रच रही है।

राजा वड़िंग ने खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं से मिलकर उनके संघर्ष को समर्थन दिया और कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

इस दौरान वड़िंग ने किसान नेता कुलदीप सिंह डल्लेवाल से भी मुलाकात की, जो किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। डल्लेवाल के साथ बातचीत के बाद, वड़िंग ने यह भी कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान अब केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं और उनके खिलाफ कोई भी ताकत उनका विरोध नहीं रोक सकती।

राजा वड़िंग ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष सिर्फ उनके खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने सरकार से तुरंत इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और कहा कि जब तक सरकार किसानों की बात नहीं सुनती, आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र सरकार के खिलाफ यह आरोप किसानों के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहे हैं, और यह आंदोलन लगातार देशभर में फैलता जा रहा है।

पीएम मोदी को लेना चाहिए संज्ञान: वड़िंग

पत्रकारों से बातचीत दौरान वड़िंग ने कहा कि डल्लेवाल ने स्पष्ट किया है कि वह किसानों के लिए जान कुर्बान कर रहे हैं, अगर उनकी जान जाने के बाद भी किसानों की मांगें पूरी होती है, तो यह उनका सौभाग्य होगा, क्योंकि उनकी मौत के बाद कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा। वड़िंग ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री व केंद्र से अमित शाह को यहां आना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द संज्ञान लेना चाहिए।

 

अगर सरकारें एमएसपी देने के वादे करती हैं, तो एमएसपी गारंटी कानून बनाने में क्या दिक्कत है। लेकिन केंद्र नादरशाही रवैया अपनाए हुए है कि किसानों से बात न करने पर अड़ी है, यह सरासर गलत है। वड़िंग ने कहा कि संसद के अंदर व संसद के बाहर भी डल्लेवाल के मुद्दे पर बात करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों की बैठक का आह्वान भी करने का प्रयास करेंगे।

 

 

 

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