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कृषि मंत्री ने की किसानों से मुलाकात, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चर्चा

कृषि
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 16, 2024

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । भारत के कृषि मंत्री ने आज देशभर के किसानों से मुलाकात की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की पद्धति पर विस्तार से चर्चा की। इस मुलाकात में किसानों ने MSP के निर्धारण और इसके सही तरीके से क्रियान्वयन की जरूरत पर जोर दिया। कृषि मंत्री ने किसानों की समस्याओं को सुना और सरकार की योजनाओं के तहत MSP को लेकर हो रही पहल और सुधारों के बारे में उन्हें जानकारी दी।

क्या है MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य)?

MSP, यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य, वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसलें खरीदती है। यह मूल्य किसानों को एक न्यूनतम आय सुनिश्चित करने के लिए तय किया जाता है ताकि उन्हें अपनी उपज के लिए बाजार में अत्यधिक कम कीमतों का सामना न करना पड़े। MSP का निर्धारण हर साल कृषि मंत्रालय द्वारा किया जाता है और इसे देशभर के कृषि उत्पादों पर लागू किया जाता है। MSP किसानों को अपनी उपज बेचने में न्यायपूर्ण मूल्य प्राप्त करने का एक माध्यम प्रदान करता है।

कृषि मंत्री की प्रतिक्रिया:

कृषि मंत्री ने मुलाकात के दौरान किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, “हम MSP के तहत सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि किसान अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर सकें। हम न केवल MSP को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, बल्कि इसे किसान की पहुंच तक सही तरीके से पहुंचाने के लिए भी ठोस कदम उठा रहे हैं।”

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में MSP के मूल्य में कई बार वृद्धि की है और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि MSP की व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए तकनीकी और संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं।

किसानों की चिंताएं और सुझाव:

किसानों ने इस बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने MSP को लेकर कुछ प्रमुख सुझाव दिए, जैसे:
    1.    समान MSP दर: किसानों ने मांग की कि MSP में अधिक समानता हो, ताकि प्रत्येक क्षेत्र और राज्य में किसानों को समान लाभ मिल सके।
    2.    प्रक्रिया में सुधार: किसानों ने MSP के लागू होने में प्रक्रिया की जटिलताओं को लेकर अपनी चिंता जताई और इसे सरल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कई बार उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, क्योंकि प्रक्रिया में देरी होती है या बाजार मूल्य अत्यधिक गिर जाता है।
    3.    दूसरी फसलों का MSP: किसानों ने अन्य फसलों के लिए MSP की दर बढ़ाने की मांग की। कई किसान संगठन मानते हैं कि केवल कुछ प्रमुख फसलों पर MSP का लाभ मिलता है, जबकि अन्य फसलों के लिए उपयुक्त समर्थन मूल्य नहीं मिलता।
    4.    संचालन में पारदर्शिता: कई किसानों ने MSP के निर्धारण और क्रियान्वयन में अधिक पारदर्शिता की मांग की, ताकि किसान यह समझ सकें कि उनकी फसल के मूल्य का निर्धारण कैसे किया जा रहा है।

आगे की योजनाएं:

कृषि मंत्री ने किसानों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनके सुझावों और चिंताओं को गंभीरता से ले रही है और उनकी समस्याओं का समाधान जल्द निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि MSP को लागू करने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र और प्रणाली की आवश्यकता है, जिसे जल्द स्थापित किया जाएगा।

मंत्री ने यह भी बताया कि किसानों को सही मूल्य मिले, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कृषि उत्पादों के लिए बाजार व्यवस्था को सुधारने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) जैसी योजनाओं को भी अधिक प्रभावी बनाने की योजना है, ताकि किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिल सके।

कृषि मंत्री की यह मुलाकात किसानों के लिए एक सकारात्मक पहल के रूप में सामने आई है, क्योंकि इसमें उनके मुद्दों पर गहराई से चर्चा की गई और समाधान के प्रयासों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया गया। सरकार की ओर से MSP को लेकर की गई कई घोषणाओं और सुधारों से किसानों को लाभ मिल सकता है, लेकिन इस दिशा में और अधिक सुधार की आवश्यकता है ताकि देशभर के किसान अपनी उपज का सही मूल्य पा सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

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