गुडम्बा थाना क्षेत्र मे सड़क किनारे सजी हैँ मीट की दुकाने, खुलेआम हो रहा बेज़ुबानो का क़त्लेआम...
लखनऊ ।मांसाहार होना गलत नही है ये लेकिन मांस का इस तरह कारोबार करना गलत है क्योंकि हर इंसान मानसाहारी नही होता इसलिए ज़रूरी ये है की इस कारोबार को परदे की आड़ मे किया जाये ऐसा सरकारी आदेश भी है लेकिन इन कारोबारियों को सरकारी आदेश से कोई फर्क पड़ता नही दिखाई देता इन्हें तो सिर्फ सड़कों के किनारे मीट की नुमाइश करने मे मज़ा आता है भले ही लोग इससे एतराज़ करें इनकी सेहत पर कोई असर नही होता।हमने पहले भी आपको खबर दिखाई थी कि जब नवरात्रि की बेला चल रही थी उस वक़्त सरकार ने सख्त हिदायत के साथ मीट की दुकानों को बन्द रखने को बोला था बावजूद इसके यहाँ मीट की दुकान खुली मिली थीं इतना ही नही इन दुकानों पर कैसे बिक्री करनी है इस पर भी सरकारी नियम बने हैँ लेकिन मीट के कारोबारी इस नियम को ताक पर रखकर अपना कारोबार करते नज़र आ रहे हैँ वो सड़क के किनारे ही बकरा काट रहे हैँ जिससे लोगों को परेशानी होती है लेकिन जो सरकार की नही सुनता वो आम आदमी को क्या समझेगा और तो और सरकारी विभाग यानी पुलिस भी इन्हे ऐसा करने से नही रोकती ये बड़ी विडंबना है अब ऐसे मे यू खुलेआम हो रहे बेज़ुबानो के क़त्लेआम को कौन रोक पाएगा आप ही बताएं।यहाँ बात शाक़ाहार और मांसाहार की नही है काफी संख्या मे लोग मानसाहरी हैँ लेकिन मांस बेचने वालो पर तो नियम के तहत पाबंदी लगाई जा सकती है या यू ही सड़कों पर बेज़ुबानो का खून दिखाई देता रहेगा।