कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों का अभियान तेज़ हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों ने अपनी चुनावी तैयारियों को गति दी है, और अब जनसभाओं और रैलियों के माध्यम से मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने में जुट गए हैं।
आम आदमी पार्टी ने अपने मुख्य नेता अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में बड़ी जनसभाओं का आयोजन किया है। पार्टी ने खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास के मुद्दों को प्रमुखता दी है। दिल्ली में लागू किए गए मुख्यमंत्री केजरीवाल के योजनाओं के समर्थन में मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। केजरीवाल ने जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी ने पिछले कार्यकाल में दिल्ली में जो सुधार किए हैं, वे आगामी चुनावों में उन्हें फिर से सत्ता में लाने के लिए पर्याप्त हैं।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी जनसभाओं और रैलियों का आयोजन शुरू कर दिया है, जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेताओं जैसे नरेंद्र मोदी, अमित शाह, और जेपी नड्डा ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में रैलियां की हैं। बीजेपी ने इस बार दिल्ली के विकास में केंद्र सरकार द्वारा की गई योजनाओं और परियोजनाओं को मुद्दा बनाया है। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली में सुरक्षा, नारी सुरक्षा, और भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
कांग्रेस पार्टी ने भी दिल्ली चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए सक्रिय अभियान शुरू कर दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में बेरोज़गारी, महंगाई, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर दिया है। पार्टी के प्रमुख नेता मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने अपनी रैलियों के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया है।
इन रैलियों और जनसभाओं में सभी दलों ने मीडिया का समर्थन हासिल करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपनी चुनावी रणनीतियों और उम्मीदवारों के बारे में जानकारी दी।
इस बीच, राजनीतिक सर्वेक्षणों और मतदान के रुझानों के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि AAP और BJP के बीच कड़ा मुकाबला होगा। कांग्रेस के लिए इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है, लेकिन पार्टी भी अपनी पुरानी स्थिति को फिर से मजबूत करने की कोशिश में है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में हर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और जनसभाओं के माध्यम से जनता के बीच अपनी नीतियों और योजनाओं को प्रभावी रूप से पहुंचाने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह है कि कौन सी पार्टी चुनावी जीत में कामयाब होती है।