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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर एनजीटी की सख्ती, सरकार को दिए सख्त निर्देश; सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी

दिल्ली
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 12, 2024

कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। 
12 दिसंबर 2024 को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है और सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए जल्द ही प्रभावी उपाय लागू किए जाएं। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर एनजीटी ने सख्त रुख अपनाया है, जो प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी के तौर पर सामने आया है।

प्रदूषण की बढ़ती समस्या

दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इस समय हवा की गुणवत्ता बहुत खराब स्तर पर पहुंच चुकी है, जिससे शहरवासियों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। सर्दी के मौसम में धुंआ और धुंध की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई बार “गंभीर” श्रेणी में पहुंच चुका है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में इजाफा हुआ है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति काफी खतरनाक साबित हो रही है।

एनजीटी का कड़ा आदेश

एनजीटी ने दिल्ली सरकार से प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विस्तृत योजना की मांग की है। उसने राज्य सरकार से यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं होता, तो कड़े कदम उठाने के लिए तैयार रहें। एनजीटी ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में तुरंत कार्यवाही करें और उन उपायों को लागू करें जो पहले से निर्धारित किए गए थे। एनजीटी ने यह भी कहा कि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए और अधिक समन्वित प्रयास की जरूरत है, जिसमें प्रशासन, पर्यावरण विभाग, और पुलिस सहित अन्य एजेंसियां शामिल हों।

एनजीटी ने इस दौरान दिल्ली सरकार से यह पूछा कि किन-किन उपायों को लागू किया गया है और क्या वह प्रभावी रहे हैं। अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि क्या दिल्ली सरकार के पास प्रदूषण के खिलाफ ठोस रणनीति और प्रौद्योगिकियों की कमी है या सिर्फ कागजी योजनाओं पर ही जोर दिया जा रहा है।

महत्वपूर्ण निर्देश

एनजीटी ने दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर निम्नलिखित प्रमुख निर्देश दिए:
    1.    निर्माण कार्यों पर सख्त निगरानी:
एनजीटी ने निर्माण कार्यों को प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारणों में से एक माना है। उसने निर्माण कार्यों पर सख्त नियम लागू करने और पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। खासकर उन निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा जहां धूल उड़ने की संभावना अधिक हो।
    2.    फसल अवशेष जलाने पर रोक:
एनजीटी ने फसल अवशेष जलाने को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को जागरूक करने के प्रयासों को तेज करने के लिए कहा गया है, ताकि वे पर्यावरणीय नुकसानों से बचने के लिए वैकल्पिक उपाय अपनाएं।
    3.    वाहनों से प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई:
एनजीटी ने वाहन प्रदूषण के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उसने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्ती से जांच करने और उन्हें सड़क से हटाने का आदेश दिया है।
    4.    आगजनी और धुआं फैलाने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध:
एनजीटी ने दिल्ली में किसी भी प्रकार की आगजनी या खुले में जलाने वाली गतिविधियों पर कड़ी रोक लगाने का आदेश दिया है। प्रदूषण फैलाने वाली सभी अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने की बात कही गई है।
    5.    वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए समन्वित प्रयास:
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से प्रदूषण के नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयास करने की अपील की है, जिसमें सभी संबंधित विभागों, जैसे पर्यावरण, परिवहन, पुलिस और नगर निगमों को शामिल किया जाए।

 

 

प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएं

दिल्ली सरकार ने एनजीटी के आदेश को गंभीरता से लिया है और उसने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत करने की घोषणा की है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन अब और अधिक तेज़ी से काम करने की आवश्यकता है। सरकार ने दिल्ली में एक व्यापक प्रदूषण नियंत्रण अभियान शुरू करने का वादा किया है, जिसमें सभी क्षेत्रों से प्रदूषण घटाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

वहीं, दिल्लीवासियों ने भी एनजीटी के आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि यह कदम शहर में प्रदूषण की गंभीर समस्या को हल करने में मददगार साबित होगा। हालांकि, कई पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि प्रदूषण को स्थायी रूप से कम करना है, तो केवल सर्दियों में ही नहीं, बल्कि पूरे साल भर के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी का सख्त रुख यह दर्शाता है कि अब पर्यावरणीय मुद्दों को गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रदूषण के गंभीर प्रभावों को देखते हुए यह जरूरी है कि सरकार और नागरिक दोनों मिलकर इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं। एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार और प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि वह प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए त्वरित और प्रभावी उपाय लागू करें।

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