डिजिटल डेस्क/ लखनऊ। महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में मंगलवार को प्रदेश के प्रमुख नेता देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने विधायक पद की शपथ ली। यह सत्र राज्य की राजनीति के लिहाज से खास था, क्योंकि इस मौके पर तीनों नेताओं के साथ-साथ कई अन्य विधायकों ने भी अपनी-अपनी शपथ ली।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत मिल रहा है। अजित पवार, जो पहले राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता रहे हैं, हाल ही में शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर भाजपा-शिंदे गठबंधन का साथ लिया, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।
क्यों है ये खास सत्र?
शपथ ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को शपथ दिलाई, और सभी नेताओं ने विधानसभा की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लिया। विधानसभा के विशेष सत्र का उद्देश्य राज्य के प्रशासनिक कार्यों को सही दिशा में आगे बढ़ाना और विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करना था। इस विशेष सत्र में शपथ लेने के बाद अब यह देखा जाएगा कि इन नेताओं का संयुक्त कार्यकाल महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में कितनी स्थिरता लाएगा। फडणवीस, शिंदे और अजित पवार के इस गठबंधन से राज्य में भाजपा और शिवसेना के प्रभाव को और मजबूत किया जा सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सत्र राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आएगा, क्योंकि इसमें प्रदेश के बड़े नेताओं की उपस्थिति और फैसले शामिल हैं।