कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में विशेष रूप से एक प्रमुख बुक प्रकाशन समूह के तीन ठिकानों पर भी जांच चल रही है। आयकर विभाग की इस छापेमारी की कार्रवाई को लेकर काफी हलचल मच गई है, क्योंकि इसके पीछे संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और टैक्स चोरी के आरोप हैं।
आयकर विभाग ने बताया कि यह छापेमारी राज्य के विभिन्न शहरों में की गई, जहां इन बुक प्रकाशन समूह के व्यवसायी और संबंधित पक्षों के ठिकानों पर जांच जारी है। बुक प्रकाशन के तीन ठिकानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि यहां से संदिग्ध आर्थिक गतिविधियों की सूचना मिली थी। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि क्या इन ठिकानों से टैक्स चोरी की जा रही थी या फिर अन्य अवैध गतिविधियों में लिप्त थे।
आयकर विभाग ने इस कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज़, बैंक खाता जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण सामान जब्त किया है। अधिकारियों का कहना है कि इस छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में वित्तीय कागजात और बुक्स मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा, विभाग ने इन ठिकानों से मिले बही-खातों और खातों की गहनता से जांच करने के लिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की मदद ली है।
बताया जा रहा है कि इस बुक प्रकाशन समूह से संबंधित कई व्यापारी और निवेशक भी आयकर विभाग के राडार पर हैं। विभाग के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस समूह के व्यवसाय में हेर-फेर या किसी प्रकार की अनियमितताएं की गई हैं, जिनके कारण सरकार को टैक्स में भारी नुकसान हुआ हो। विभाग ने यह भी पुष्टि की कि इस छापेमारी का उद्देश्य टैक्स चोरी के साथ-साथ संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों को रोकना और समय पर सही कर वसूली सुनिश्चित करना है। आयकर विभाग ने कहा कि आगे की कार्रवाई इस जांच के परिणामों के आधार पर की जाएगी। यूपी में आयकर विभाग की यह छापेमारी सरकारी राजस्व की रक्षा और कर चोरी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। जांच के परिणामों के बाद यह साफ हो पाएगा कि बुक प्रकाशन समूह के व्यवसाय में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं हैं या नहीं। इस कदम से राज्य में अन्य व्यवसायों को भी संदेश जाएगा कि आयकर विभाग किसी भी प्रकार के अवैध वित्तीय लेन-देन को बर्दाश्त नहीं करेगा।
बुक प्रकाशन के यहां आयकर की टीम ने गुरुवार सुबह सर्वे शुरू कर दिया है। प्रकाशन के मालिक योगेश जैन की साकेत स्थित कोठी नंबर 147, बागपत रोड स्थित ऑफिस व देहरादून बाइपास स्थित प्रिटिंंग प्रेस पर यह कार्रवाई चल रही हैं। अरिहंत प्रकाशन बड़े प्रकाशकों में गिना जाता है। देशभर में इनकी किताबें, गाइडें और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों की पुस्तकें पढ़ी जाती हैं।