कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए वीर सावरकर का नाम लिया और एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "भारत के संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि यह स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों का सम्मान नहीं करता, बल्कि उन लोगों को सम्मानित करता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के खिलाफ काम किया था।" राहुल गांधी का इशारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों के प्रति वफादारी दिखाने वाले वीर सावरकर की ओर था।
राहुल गांधी का यह बयान बीजेपी और उनकी विचारधारा के खिलाफ था, क्योंकि बीजेपी सावरकर को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक के रूप में प्रस्तुत करती है, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनके ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति समर्थन की आलोचना करते हैं। राहुल गांधी ने यह तंज भाजपा द्वारा सावरकर की महिमा बढ़ाने और उनके योगदान को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करने पर उठाया।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की बात की थी, लेकिन सावरकर ने एक ऐसे विचार को बढ़ावा दिया जो भारतीय समाज को बांटने वाला था। राहुल गांधी के अनुसार, सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगकर भारत की स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में अपनी भूमिका को कमजोर किया था, और यही बात भाजपा को उजागर नहीं करनी चाहिए।
राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की टकराव को और तीव्र कर सकता है, खासकर उस समय जब देश में सावरकर को लेकर बहस और विवाद बढ़ते जा रहे हैं। बीजेपी द्वारा सावरकर को आदर्श नेता के रूप में प्रस्तुत करने पर विपक्ष का हमेशा से विरोध रहा है, और राहुल गांधी का यह ताजा बयान इस विरोध को और भी हवा दे सकता है।
राजनाथ ने की थी शुरुआत
बता दें कि बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत की थी। राजनाथ ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि कुछ लोगों ने ये मान लिया था कि संविधान एक ही पार्टी की देन है, लेकिन ये कई महान हस्तियों की मेहनत का परिणाम है।
प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
शुक्रवार को सदन में वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली बार भाषण दिया और संविधान को "संघविधान" या संघ की नियम पुस्तिका बनाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। संभल हिंसा और उन्नाव बलात्कार मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर "डर" फैलाने का भी आरोप लगाया और कहा कि संविधान लोगों को उत्पीड़न का सामना करने और लड़ने का साहस देता है।