कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने एक साक्षात्कार में सनातन धर्म और इसके धर्मग्रंथों का अपमान करने वालों को मिल रही सजा के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि सनातन धर्म को लेकर जो लोग अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं, वे न केवल हमारे धार्मिक आस्थाओं का अपमान करते हैं, बल्कि समाज में असहमति और विभाजन का कारण बनते हैं।
स्वामी ने कहा, “हमारे धर्मग्रंथ, जैसे वेद, उपनिषद, गीता, और रामायण, केवल धार्मिक कृतियां नहीं, बल्कि जीवन जीने की सही दिशा और मानवता का मार्गदर्शन करने वाली अमूल्य धरोहर हैं। इन ग्रंथों का अपमान करना एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी बताया कि हाल के समय में कुछ लोगों द्वारा सनातन धर्म और इसके ग्रंथों का मजाक उड़ाने की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन अब सरकार और समाज दोनों ही इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। स्वामी रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि धर्म के अपमान को लेकर कड़ी कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि ऐसे कृत्यों को रोका जा सके और समाज में धार्मिक सद्भाव बनाए रखा जा सके।
इसके अलावा, स्वामी रामभद्राचार्य ने समाज के विभिन्न वर्गों से अपील की कि वे धार्मिक असहिष्णुता और नफरत से बचें, और सनातन धर्म के महत्व और उसकी शिक्षा को समझने की कोशिश करें, जिससे एक मजबूत और समृद्ध समाज का निर्माण हो सके।