कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। साइबर ठगों के एक नए मामले में, 13 रुपये का पेमेंट करने के बाद एक प्रोफेसर से 44 हजार रुपये की ठगी की घटना सामने आई है। साइबर ठगों ने इस मामले में एक जाल बिछाया, जिसमें प्रोफेसर को पहले मामूली सा भुगतान करने के लिए कहा गया और फिर जैसे ही उन्होंने इसे किया, ठगों ने उनके खाते से बड़ी रकम निकाल ली।
साइबर ठगों ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए प्रोफेसर को धोखा दिया। शुरुआत में 13 रुपये का पेमेंट दिखाकर यह विश्वास दिलाया गया कि यह एक सामान्य भुगतान है, लेकिन उसके बाद प्रोफेसर के बैंक खाते से 44 हजार रुपये निकाल लिए गए। साइबर अपराधियों ने प्रोफेसर के व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी का गलत तरीके से उपयोग किया। इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों में विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि किसी भी प्रकार के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पहले सावधानी बरतें और अनजान लिंक या संदिग्ध कॉल्स से बचें। ऐसे मामलों में पुलिस से संपर्क करने की सख्त सलाह दी जाती है, ताकि अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके।
स्मार्ट मीटर अपग्रेड कराने के नाम पर ठगी
स्मार्ट मीटर अपग्रेड कराने के नाम पर साइबर ठगों ने प्रताप विश्वविद्यालय से कुलपति रहे अर्थशास्त्री बरारी हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी प्रोफेसर उग्रमोहन झा को 44 हजार से अधिक राशि का चूना लगा दिया। घटना के बाद गुरुवार को उग्रमोहन झा ने साइबर थाने में अज्ञात ठगों के विरुद्ध केस दर्ज कराया है।
उग्रामोहन झा ने बताया कि गुरुवार को ही एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया। उसने अपना परिचय राहुल कुमार उर्जा विभाग के सहायक अभियंता बताया। पूछने पर कहा कि आपका रिचार्ज खत्म हो गया। रिचार्ज नहीं कराने पर बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। रिचार्ज कराने की बात कहने के बाद उसने मीटर अपग्रेड कराने की बात कही।