कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। बांग्लादेशी अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के एक विवादास्पद बयान के बाद पूर्वोत्तर भारत के नेताओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यूनुस ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच पर यह टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि "हम लोग बांग्लादेश को तोड़कर, 'चिकन नेक' से होते हुए भारत का हिस्सा बना सकते हैं।" इस बयान को लेकर पूर्वोत्तर राज्य असम और अन्य पूर्वोत्तर नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे गैर जिम्मेदाराना और असंवेदनशील करार दिया है।
क्या था मोहम्मद यूनुस का बयान?
मोहम्मद यूनुस ने अपने बयान में 'चिकन नेक' को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सिलीगुड़ी गलियारे, जिसे 'चिकन नेक' कहा जाता है, के बारे में विवादास्पद विचार व्यक्त किए थे। 'चिकन नेक' भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य और मुख्य भूमि भारत को जोड़ने वाला संकीर्ण भूभाग है, जो बांग्लादेश से सटा हुआ है। यूनुस का कहना था कि बांग्लादेश को तोड़ने और इस क्षेत्र के माध्यम से भारत का हिस्सा बनाने का विचार असंभव नहीं है। उनका यह बयान तत्काल ही पूर्वोत्तर के नेताओं और स्थानीय जनता के बीच गुस्से का कारण बन गया।
पूर्वोत्तर के नेताओं की प्रतिक्रिया
पूर्वोत्तर के नेताओं ने मोहम्मद यूनुस के बयान को अत्यंत आपत्तिजनक और भड़काऊ करार दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह बयान भारतीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है। ऐसे बयान से न केवल बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है, बल्कि यह पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं को भी आहत करता है।” असम के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इसे देश की अखंडता के खिलाफ बताया और कहा कि ऐसे बयानों से क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है। पूर्वोत्तर में इस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की भी संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य
पूर्वोत्तर भारत, खासकर असम और पश्चिम बंगाल, में बांग्लादेश से लगती सीमा को लेकर हमेशा से संवेदनशील मुद्दे रहे हैं। इन इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ, सीमा विवाद और अवैध प्रवास के मुद्दे लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। ऐसे में मोहम्मद यूनुस का यह बयान स्थानीय राजनीतिक नेताओं और नागरिकों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। वहीं, बांग्लादेशी नागरिकों और यहां तक कि भारतीय मुस्लिम समुदाय ने भी यूनुस के बयान की आलोचना की है, क्योंकि उन्होंने अपने देश की संप्रभुता और भारतीय अखंडता पर सवाल उठाया था।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की चुप्पी
मोहम्मद यूनुस के बयान के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब तक इन पार्टियों की ओर से इस बयान पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या विपक्षी नेता इस बयान पर चुप हैं या उन्होंने इसे अनदेखा किया है।