कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हरिद्वार में आज से शुरू होने वाली तीन दिवसीय धर्म संसद को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है, जिसके बाद आयोजन टल गया है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मद्देनजर इस आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया गया। इसके साथ ही आयोजकों द्वारा लगाए गए तंबू भी हटा दिए गए हैं।
धर्म संसद का आयोजन हरिद्वार के एक प्रमुख स्थान पर होना था, जहां धार्मिक गुरुओं, संतों और अनुयायियों को एकजुट करने की योजना थी। आयोजकों का कहना था कि यह आयोजन शांति और सद्भावना के प्रचार-प्रसार के लिए किया जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार करते हुए सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
प्रशासन का रुख: प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस समय हरिद्वार में बड़े धार्मिक आयोजनों की अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि इससे स्थानीय कानून-व्यवस्था में खलल आ सकता है। खासकर, कोरोना महामारी के बाद से भी सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार में हाल ही में आयोजित अन्य धार्मिक आयोजनों के बाद भी प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
आयोजकों की प्रतिक्रिया: धर्म संसद के आयोजकों ने प्रशासन के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह आयोजन शांति और भाईचारे का संदेश देने के लिए था। उनका कहना था कि वे प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करेंगे, ताकि धार्मिक आयोजन को समय पर संपन्न कराया जा सके।
तंबू हटाए जाने का घटनाक्रम: तंबू हटाए जाने के बाद आयोजन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने पूरे इलाके की निगरानी करना शुरू कर दी है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। आयोजकों ने हालांकि तंबू हटाए जाने के बावजूद अपने अनुयायियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हरिद्वार में तीन दिवसीय धर्म संसद की शुरुआत को प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से टाल दिया है, और तंबू भी हटा दिए गए हैं। इस फैसले से आयोजक और उनके अनुयायी निराश हैं, लेकिन प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। अब देखना यह है कि आयोजक भविष्य में इस मामले को लेकर क्या कदम उठाते हैं।
यति नरसिंहानंद ने अधिकारियों पर लगाया धमकाने का आरोप
अधिकारियों ने बुधवार को आयोजन के संबंध में जूना अखाड़ा पहुंचकर यति नरसिंहानंद से भेंट की थी। आयोजन की अनुमति को लेकर अधिकारियों ने साल 2021 की धर्म संसद के बाद हेट स्पीच के आरोप में दर्ज हुए मुकदमों को लेकर भी बातचीत की। वहीं, यति नरसिंहानंद ने अधिकारियों पर धमकाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा।
तीन की विश्व धर्म संसद का किया था आह्वान
बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर स्वामी यति नरसिंहानंद की ओर से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में 19 दिसंबर से 20 और 21 दिसंबर को विश्व धर्म संसद का आह्वान किया था। जिसमें यति नरसिंहानंद के शिष्य, समर्थक व अन्य संतगण पहुंच रहे थे।