कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।प्रयागराज में 2025 के कुंभ मेला के आयोजन से पहले अखाड़ों की प्रमुख बैठक आयोजित की गई, जिसमें देशभर के प्रमुख संतों, अखाड़ा प्रतिनिधियों और मेला प्राधिकरण के अधिकारियों ने मेला स्थल की तैयारियों, सुरक्षा, व्यवस्थाओं और धार्मिक अनुष्ठानों पर गहन चर्चा की। यह बैठक मेला के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि अखाड़े कुंभ मेले के केंद्र में होते हैं और उनके संतों का आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
बैठक के मुख्य बिंदु:
1. सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा:
सबसे पहले, बैठक में मेला क्षेत्र की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। अखाड़ा प्रमुखों ने सुरक्षा के मजबूत उपायों को लेकर संतोष व्यक्त किया। राज्य और केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी कैमरों, और विशेष पुलिस बल की तैनाती का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही, अखाड़ा प्रमुखों ने यह भी सुनिश्चित किया कि हर अखाड़े के साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि हो।
2. पवित्र स्नान के समय निर्धारण:
2025 के कुंभ मेले के लिए शाही स्नान की तारीखों और समय पर भी चर्चा की गई। विभिन्न अखाड़ों के संतों ने शाही स्नान के महत्व को लेकर अपने विचार साझा किए और इस दौरान व्यवस्था को लेकर सुझाव दिए। विशेष ध्यान इस बात पर दिया गया कि स्नान के समय श्रद्धालुओं की भीड़ का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके।
3. सुविधाओं और सेवाओं का विस्तार:
अखाड़ा प्रमुखों ने मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर चर्चा की। इसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, शौचालय, भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और रिहायशी व्यवस्था पर जोर दिया गया। साथ ही, धर्म और संस्कृति के प्रति सम्मान बनाए रखने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धर्मिक अनुष्ठानों का आयोजन भी इस बैठक का हिस्सा था।
4. स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा:
स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी अहम चर्चा की गई। अखाड़ों के प्रमुखों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि कुंभ मेला का आयोजन पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल हो। प्लास्टिक मुक्त मेले की दिशा में कई उपाय सुझाए गए, और सभी अखाड़ों से यह अनुरोध किया गया कि वे स्वच्छता को प्राथमिकता दें।
5. आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों की योजना:
कुंभ मेला में आयोजित होने वाले प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों, हवन, यज्ञ और प्रवचन से जुड़ी गतिविधियों पर भी चर्चा की गई। इन कार्यक्रमों के सही आयोजन के लिए एक विशेष आयोजन समिति बनाई जाएगी, जो अखाड़ों के धार्मिक अनुष्ठानों को समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से आयोजित करेगी।
6. साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल:
अखाड़ा प्रमुखों ने यह सुनिश्चित करने की बात की कि सभी साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त विश्राम स्थल, जलापूर्ति, शौचालय और रिहायशी इंतजाम किए जाएं। इन स्थलों पर पूरी तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखा जाएगा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित स्थल सुरक्षित होंगे।
7. डिजिटल पहल और ऑनलाइन दर्शन:
अखाड़ा प्रमुखों ने यह भी स्वीकार किया कि आजकल डिजिटल माध्यम से श्रद्धालुओं को जोड़ने की आवश्यकता है। 2025 के कुंभ में ऑनलाइन पूजा, वर्चुअल दर्शन और डिजिटल दान जैसी पहल पर भी चर्चा की गई। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी इस महापर्व का हिस्सा बन सकेंगे।
अखाड़ों की सहमति और साझा प्रयास:
बैठक के अंत में, सभी अखाड़ा प्रमुखों ने इस बात पर सहमति जताई कि कुंभ मेला 2025 का आयोजन एकजुटता, भाईचारे और श्रद्धा के साथ किया जाएगा। उन्होंने मेला प्राधिकरण और सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। सभी प्रमुख अखाड़ों ने यह भी स्पष्ट किया कि कुंभ मेले की धार्मिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को बनाए रखते हुए आधुनिक तकनीक और व्यवस्थाओं का समावेश किया जाएगा।
इस बैठक के जरिए यह भी सुनिश्चित किया गया कि कुंभ मेला 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि यह एक व्यवस्थित, सुरक्षित, और विश्वस्तरीय आयोजन बनकर उभरेगा, जहां हर श्रद्धालु को अपने आस्थाओं के साथ शांति और सौहार्द का अनुभव हो।