कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जजों की कम पेंशन और उनकी दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और उनकी पेंशन में सुधार करने की मांग की। अदालत ने कहा कि रिटायर्ड जजों की स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है, क्योंकि उन्हें जो पेंशन मिल रही है, वह उनके योगदान के अनुपात में बहुत कम है और इससे उनकी जीवन यापन की स्थिति दयनीय हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्ट रूप से यह सवाल पूछा कि आखिरकार रिटायर्ड जजों को उचित पेंशन क्यों नहीं दी जा रही, जबकि वे न्यायपालिका के शीर्ष पदों पर रहे हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि जजों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है और उनका सम्मान सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार जजों को उचित पेंशन नहीं देती, तो यह न्यायपालिका का अपमान होगा। रिटायर्ड जजों ने अदालत में एक अर्जी दी थी जिसमें उनके पेंशन में सुधार की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि वे आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं और कई जजों की हालत बहुत ही खराब है।
अदालत ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वह रिटायर्ड जजों की पेंशन बढ़ाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सके। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा संवेदनशील है और इसका समाधान तुरंत निकाला जाना चाहिए, ताकि न्यायपालिका के पूर्व सदस्यों को उनके जीवन के अंतिम वर्षों में सम्मानजनक स्थिति मिल सके। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि रिटायर्ड जजों की पेंशन का मुद्दा सीधे तौर पर न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और सरकार के रवैये को प्रभावित करता है।